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Tonga में समुद्री ज्वालामुखी का विस्फोट हिरोशिमा जैसे 100 परमाणु बमों से ज्यादा पावरफुल  

इस ज्वालामुखी में विस्फोट से समुद्र के बड़े हिस्से का पानी तुरंत वाष्प बन गया था और आसमान की ओर राख, गैस और पांच लाख टन से ज्यादा वाष्प का एक मशरूम के आकार वाला बादल गया था

Tonga में समुद्री ज्वालामुखी का विस्फोट हिरोशिमा जैसे 100 परमाणु बमों से ज्यादा पावरफुल  

इससे बने तूफान ने 1,92,000 से ज्यादा लाइटनिंग फ्लैशेज जेनरेट की थी

ख़ास बातें
  • इस विस्फोट से समुद्र के बड़े हिस्से का पानी वाष्प बन गया था
  • इससे इतनी भंयकर बिजली कड़की थी जो इससे पहले रिकॉर्ड नहीं की गई
  • यह समुद्र के स्तर से लगभग 30 किलोमीटर तक ऊंचाई पर गई थी
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पिछले वर्ष Tonga में समुद्र के अंदर हुए ज्वालामुखी में विस्फोट के बाद अभी तक की सबसे तेजी से बिजली गिरने को रिकॉर्ड दर्ज किया गया है। दक्षिण प्रशांत महासागर में पिछले वर्ष हुए इस ज्वालामुखी के विस्फोट में जापान के हिरोशिमा में गिराए गए परमाणु बम की तुलना में 100 गुना से अधिक पावर थी। 

इस ज्वालामुखी में विस्फोट से समुद्र के बड़े हिस्से का पानी तुरंत वाष्प बन गया था और आसमान की ओर राख, गैस और पांच लाख टन से ज्यादा वाष्प का एक मशरूम के आकार वाला बादल गया था। Geophysical Research Letters में प्रकाशित एक नई स्टडी के अनुसार, इन स्थितितियों से राख, बहुत ज्यादा ठंडे पानी और ओलों के बीच इलेक्ट्रिक तौर पर चार्ज्ड टकराव हुआ था। इससे इतनी भंयकर बिजली कड़की थी जो इससे पहले रिकॉर्ड नहीं की गई। अमेरिका के जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) में वोल्कैनोलॉजिस्ट और इस स्टडी में शामिल Alexa Van Eaton ने बताया कि इससे बने तूफान ने 1,92,000 से ज्यादा लाइटनिंग फ्लैशेज जेनरेट की थी। इसका उच्च स्तर प्रति मिनट 2,615 फ्लैशेज का था। इनमें से कुछ लाइटनिंग समुद्र के स्तर से लगभग 30 किलोमीटर तक ऊंचाई पर गई थी। 

इस स्टडी में बताया गया है कि इससे पहले ऐसी लाइटनिंग रिकॉर्ड नहीं की गई। Alexa ने कहा, "इस विस्फोट के साथ हमने यह पाया है कि ज्वालामुखी से निकलने वाले गुबार से अन्य तूफानों की तुलना में कहीं अधिक तेजी से बिजली निकल सकती है।" इस स्टडी के लिए वैज्ञानिकों ने अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के जियोस्टेशनरी लाइटनिंग मैपर सहित चार सोर्सेज के इस्तेमाल से डेटा एकत्र किया था। GOES-17 सैटेलाइट ने पिछले वर्ष की शुरुआत में समुद्र के अंदर इस ज्वालामुखी में हुए विस्फोट की इमेज ली थी। 

Alexa ने बताया, "इसमें हैरानी का कारण सिर्फ बिजली की बहुत अधिक पावर नहीं थी, बल्कि इससे बनने वाले रिंग्स ने हमें ज्यादा हैरान किया था। हमने इससे पहले ऐसा कुछ नहीं देखा था। एक लाइटनिंग रिंग को देखा गया है लेकिन कई लाइटनिंग रिंग्स को नहीं।" इसके अलावा डेटा से यह खुलासा हुआ है कि इस ज्वालामुखी के विस्फोट से निकला गुबार कम से कम 11 घंटों से बढ़ रहा था। इस स्टडी से वैज्ञानिकों को ज्वालामुखी के विस्फोटों की बेहतर तरीके से निगरानी करने और इससे होने वाले रिस्क के बारे में लोगों को चेतावनी देने में आसानी हो सकती है। 
 
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आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

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