• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • 3.5 अरब साल पहले चांद पर फटे ज्वालामुखी से बना मिला 50 Km बड़ा ग्रेनाइट का पहाड़! अभी तक छोड़ रहा गर्मी!

3.5 अरब साल पहले चांद पर फटे ज्वालामुखी से बना मिला 50 Km बड़ा ग्रेनाइट का पहाड़! अभी तक छोड़ रहा गर्मी!

शोध में कहा गया है कि ऐसा चांद पर पाई जाने वाली अन्य चट्टानों में नहीं होता है। यूरेनियम और थोरियम जैसे तत्वों का कारण ही यह ग्रेनाइट का पहाड़ इतनी गर्मी छोड़ रहा है।

3.5 अरब साल पहले चांद पर फटे ज्वालामुखी से बना मिला 50 Km बड़ा ग्रेनाइट का पहाड़! अभी तक छोड़ रहा गर्मी!

Photo Credit: NASA

वैज्ञानिकों को चांद पर पुराने ग्रेनाइट के भंडार दबे हुए मिले हैं।

ख़ास बातें
  • ऐसा चांद पर पाई जाने वाली अन्य चट्टानों में नहीं होता है।
  • यूरेनियम और थोरियम जैसे तत्वों के कारण यह गर्मी छोड़ रहा है।
  • चांद पर पाया गया ये ग्रेनाइट 50 किलोमीटर व्यास का है।
विज्ञापन
पृथ्वी का उपग्रह चंद्रमा शुरू से ही अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की रुचि का विषय रहा है। अब वैज्ञानिकों को चांद पर कुछ ऐसी चीज मिली है जो इससे पहले कभी नहीं देखी गई थी। वैज्ञानिकों को यहां पुराने ग्रेनाइट के भंडार दबे हुए मिले हैं। इस तरह की खोज इससे पहले चादं की सतह पर सामने नहीं आई थी। एक रोचक बात ये भी है कि इस ग्रेनाइट से गर्मी निकल रही है। इसे एक सैटेलाइट ने खोजा है। आइए जानते हैं अंतरिक्ष में हुई इस नई खोज के बारे में। 

चंद्रमा पर ज्वालामुखी फटने के सबूत के तौर पर ग्रेनाइट का बड़ा भंडार पाया गया है जो कि 50 किलोमीटर के दायरे में फैला है। वैज्ञानिकों ने कहा है कि यह ज्वालामुखीय लावा के ठंडे होने के कारण बना है। लेकिन यहां चौंकाने वाली बात ये है कि इस ज्वालामुखी के बारे में कहा गया है कि यह 3.5 अरब साल पहले फटा होगा। यह सौरमंडल के निर्माण से 1 अरब साल बाद का समय है। यानि कि सौरमंडल के बनने के एक अरब साल बाद तक चंद्रमा का तापमान इतना अधिक था कि यहां बड़े-बड़े ज्वालामुखी फट रहे थे? 

चांद पर पाया गया ये ग्रेनाइट 50 किलोमीटर व्यास का है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह कितने बड़े क्षेत्र में फैला है। Planetary Scientists ने इसे प्रकाशित किया है। जिसके मुताबिक यह चांद के दूसरी तरफ की साइड में मौजूद कॉम्पटन बेल्कोविच वॉल्केनिक कॉम्प्लेक्स में पाया गया है। टक्सन में प्लेनेटरी साइंस रिसर्च इंस्टीट्यूट में शोध को लीड करने वाले डॉ मैट सीगलर के अनुसार, ग्रेनाइट में यूरेनियम और थोरियम जैसे रेडियोएक्टिव एलीमेंट बहुत ज्यादा मात्रा में मौजूद होते हैं। 

शोध में कहा गया है कि ऐसा चांद पर पाई जाने वाली अन्य चट्टानों में नहीं होता है। यूरेनियम और थोरियम जैसे तत्वों का कारण ही यह ग्रेनाइट का पहाड़ इतनी गर्मी छोड़ रहा है। एक्सपर्ट कहते हैं कि धरती के बाहर हमारे सौरमंडल में ग्रेनाइट न के बराबर मौजूद है। यह तब बनता है जब किसी अग्नि संबंधित क्रिया के बाद मैग्मा का निर्माण होता है। इससे पहले नासा के अपोलो मिशनों में जो सैकड़ों किलो की चट्टानें धरती पर लाई गई थीं, उनमें से केवल कुछ दाने ही ग्रेनाइट के पाए गए थे। यानि कि इनमें ग्रेनाइट बहुत ही थोड़ी मात्रा में मौजूद था। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. TCS में वर्कर्स की छंटनी को लेकर बढ़ा विवाद, एंप्लॉयी यूनियन ने लगाया प्रेशर डालने का आरोप
  2. फाइनेंशियल फ्रॉड की चेतावनी देने के लिए ऑनलाइन पेमेंट्स इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म लॉन्च करेगा RBI
  3. OnePlus Nord 6 जल्द हो सकता है लॉन्च, IMEI पर हुई लिस्टिंग
  4. क्या आपके अगले स्मार्टफोन के बॉक्स से गायब हो जाएगी चार्जिंग केबल? इस कंपनी ने शुरू किया ट्रेंड
  5. Samsung Galaxy S26 Ultra में मिल सकता है 6.9 इंच QHD+ AMOLED डिस्प्ले
  6. अब ‘चश्मा’ बनेगा वॉलेट! स्मार्ट ग्लास से होगा UPI पेमेंट, फोन की जरूरत नहीं
  7. Realme 15 Pro 5G Game of Thrones लिमिटेड एडिशन भारत में हुआ लॉन्च, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  8. JBL Tour One M3 और Smart Tx वायरलेस हेडफोन्स भारत में लॉन्च: मिलेगा 70 घंटे का प्लेबैक और स्मार्ट टच डिस्प्ले
  9. Amazon Sale: Samsung के स्मार्टफोन्स को भारी डिस्काउंट के साथ खरीदने का मौका
  10. IMC 2025: Jio का JioBharat सेफ्टी फर्स्ट फोन हुआ पेश, जानें खासियतें
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »