पृथ्वी के 70 प्रतिशत हिस्से पर पानी मौजूद है, यानि कि हमारे समुद्र। समुद्र की गहराई का पता लगाना बहुत मुश्किल है। इसके नीचे क्या छिपा हो सकता है, यह कहना आसान नहीं है। लेकिन आधुनिक तकनीकों और सैटेलाइट की मदद से वैज्ञानिकों ने अब समुद्रों की गहराई नापना शुरू कर दिया है। नई खोज में पता लगाया गया है कि पृथ्वी के समुद्रों के नीचे 19000 से ज्यादा ज्वालामुखी मौजूद हैं। यह एक बहुत बड़ी संख्या है जो बताती है कि सागर अपने अंदर क्या क्या छिपाए हो सकता है। आइए आपको बताते हैं कि इस ताजा खोज के क्या मायने हैं।
वैज्ञानिकों ने
रडार सैटेलाइट्स की मदद से समुद्र के नीचे मौजूद चट्टानों का पता लगाया है। इनमें सिर्फ चट्टानें ही नहीं बल्कि ज्वालामुखीय चट्टानें भी शामिल हैं। खोज के अनुसार, धरती के समुद्रों में, यानि कि पानी के नीचे 19 हजार से ज्यादा ज्वालामुखी छिपे बैठे हैं।
Earth and Space Science नामक जर्नल में इसके बारे में बताया गया है।
खोज के बारे में बताते हुए वैज्ञानिकों ने कहा है कि उन्होंने इसके लिए लेटेस्ट ग्रेविटी ग्रेडिएंट मैप या गुरुत्वाकर्षण ढाल मानचित्रों का इस्तेमाल किया है। इन मैप्स की मदद से वैज्ञानिकों को समुद्रों के नीचे 19,325 नई समुद्री चट्टानों का पता लगा है। समुद्र का तल कई तरह के टेक्टॉनिक फीचर्स लिए हुए है। इसमें मीलों तक फैली चोटियां या टीले, एबिसाल हिल यानि कि अथाह गहराई वाले पहाड़, या फिर फैलती हुई पहाड़ियों समेत ज्वालामुखीय चट्टानें भी मौजूद हैं।
समुद्री चट्टानों के बारे में कहा जाता है कि ये एक्टिव
ज्वालामुखी भी हो सकते हैं या बुझ चुके भी हो सकते हैं। इनकी ऊंचाई कम से कम 1000 मीटर तक बताई गई है। इनकी बनावट के बारे में कहा गया है कि यह बेसाल्ट के बने होते हैं जबकि इनका निर्माण ज्वालामुखी फटने के कारण हुआ होता है।