नासा ने आज धरती की ओर आने वाले तीन एस्टरॉयड के बारे में अलर्ट जारी किया है। एस्टरॉयड की संरचना दरअसल ग्रहों के जैसी ही बताई जाती है। यानि कि ये भी खनिज पदार्थ आदि के बने होते हैं। ये चट्टानों की तरह ठोस और कठोर हो सकते हैं और इनकी शेप किसी खास आकार नहीं होती है। ये ऊबड़ खाबड़ आकार के हो सकते हैं। ये सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते रहते हैं। और इसी परिक्रमा के चलते ये कभी-कभी पृथ्वी की दिशा में भी सीधे सामने चले आते हैं। ऐसे में धरती से एस्टरॉयड की टक्कर होने का खतरा भी बना रहता है।
जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी, जो कि नासा की शाखा है,
एस्टरॉयड की दिशा और गति पर नजर रखते हुए इन्हें ट्रैक करती है ताकि कोई एस्टरॉयड धरती के लिए किसी प्रकार का खतरा पैदा न करे। एस्टरॉयड इतनी बड़ी संख्या में मौजूद हैं कि कई बार एक से ज्यादा एस्टरॉयड भी धरती की ओर बढ़ रहे होते हैं। नासा ने आज के लिए 3 एस्टरॉयड के करीब आने का अलर्ट जारी किया है।
एस्टरॉयड 2023 OS3 आज धरती की ओर बढ़ रहा है जो कि 31 फीट का चट्टानी टुकड़ा है। यह धरती के करीब 962,000 किलोमीटर तक आने वाला है। यह एक बस के जितना बड़ा है। इसका आकार तुलनात्मक रूप से छोटा है, इसलिए नासा ने इससे खतरे जैसी कोई आशंका जाहिर नहीं की है। यह धरती के करीब से गुजरने वाला है। इसके अलावा एस्टरॉयड 2023 OQ3 भी आज धरती के करीब से गुजरने वाला है। यह 110 फीट बड़ा एस्टरॉयड है जो कि एक बड़े हवाई जहाज के जितना है। यह 1,510,000 किलोमीटर तक धरती के करीब आने वाला है।
Asteroid 2023 OQ3 का साइज बड़ा है जो कि धरती से टकराने जैसी स्थिति में बहुत ही विनाशकारी साबित हो सकता है। इसके अलावा एक तीसरा एस्टरॉयड 2023 OD5 भी आज पृथ्वी के नजदीक से गुजरने वाला है। यह 150 फीट का है। नासा ने इसकी तुलना भी एक बड़े हवाई जहाज से की है। धरती के सबसे करीबी बिंदु पर पहुंचने के बाद इसकी दूरी 5,310,000 किलोमीटर रह जाएगी। नासा ने इस एस्टरॉयड के भी धरती से टकराने जैसी सूचना जारी नहीं की है। लेकिन एस्टरॉयड धरती की तरफ आकर्षित हो जाएं, इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
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