वैज्ञानिकों की नजर एक ऐसे एस्टरॉयड (Asteroid) पर है, जो कल 3 मई को पृथ्वी के बहुत करीब से गुजरने वाला है। एस्टरॉयड 2023 HV5 जब हमारे ग्रह के नजदीक आएगा, तब दोनों के बीच दूरी महज 4 लाख 35 हजार किलोमीटर रह जाएगी। यह पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी से थोड़ा ही अधिक है। एस्टरॉयड की इस नजदीकी के कारण ही इसे ‘संभावित रूप से खतरनाक' की कैटिगरी में रखा गया है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) के हवाले से यह
जानकारी सामने आई है।
अच्छी बात यह है कि ‘
एस्टरॉयड 2023 HV5' का आकार बहुत विशाल नहीं है। यह लगभग 41 फीट चौड़ा है, जोकि एक बस के बराबर है। यह एस्टरॉयड 35 हजार 152 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से पृथ्वी की ओर आ रहा है। अपोलो ग्रुप से एस्टरॉयड्स से संबंधित इस चट्टानी आफत के पृथ्वी से टकराने की उम्मीद नहीं है, लेकिन वैज्ञानिक अपनी मॉनिटरिंग जारी रखेंगे।
एस्टरॉयड्स की दिशा में बदलाव मुमकिन है। अगर किसी एस्टरॉयड की दिशा पृथ्वी की ओर हो जाए और वह हमारे ग्रह से टकरा जाए, तो बड़ी तबाही ला सकता है। वैज्ञानिक यह मानते आए हैं कि हमारी पृथ्वी से डायनासोरों का खात्मा भी एक एस्टरॉयड के टकराने से हुए विनाश की वजह से हुआ था।
जैसे हमारे सौर मंडल के सभी ग्रह सूर्य का चक्कर लगाते हैं, उसी तरह एस्टरॉयड भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं। ज्यादातर एस्टरॉयड एक मुख्य एस्टरॉयड बेल्ट में पाए जाते हैं, जो मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच है। इनका साइज 10 मीटर से 530 किलोमीटर तक हो सकता है। अबतक खोजे गए सभी एस्टरॉयड का कुल द्रव्यमान पृथ्वी के चंद्रमा से कम है।
ज्यादातर एस्टरॉयड का आकार अनियमित होता है। कुछ लगभग गोलाकार होते हैं, तो कई अंडाकार दिखाई देते हैं। कुछ एस्टरॉयड तो ऐसे भी हैं, जिनका अपना चंद्रमा है। कई के दो चंद्रमा भी हैं। एस्टरॉयड जब पृथ्वी के करीब आते हैं, तो वैज्ञानिक इनके और पृथ्वी के बीच की दूरी को देखते हैं। इसके लिए सैटेलाइट और रडार की मदद ली जाती है।