अंतरिक्ष में लाखों करोड़ों की संख्या में तारे हैं जिनका अपना अलग सौरमंडल भी हो सकता है। अनंत ब्रह्मांड की गहराई का अंदाजा भी अभी तक नहीं लगाया जा सका है। बात सौरमंडल की करें तो इसमें भी 8 ग्रह हैं जिनके अपने उपग्रह भी हैं। लेकिन ग्रहों-उपग्रहों के अलावा यहां उल्का पिंड और क्षुद्र ग्रह, या जिन्हें अंग्रेजी में एस्टरॉयड भी कहा जाता है, भी मौजूद हैं। आजकल स्पेस वैज्ञानिक लगातार इनका पृथ्वी की ओर आना देख रहे हैं। आज भी नासा की ओर से 3 एस्टरॉयड के धरती की ओर आने का अलर्ट जारी किया गया है। आइए आपको बताते हैं ये चट्टानी टुकड़े कितने खतरनाक हो सकते हैं।
एस्टरॉयड को नासा लगातार ट्रैक करती रहती है, क्योंकि नासा के मुताबिक कोई एस्टरॉयड जब एक निश्चित दूरी से पृथ्वी के ज्यादा करीब आने लगता है तो यह खतरा अपने साथ लिये होता है। नासा की
जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी ने आज 3 एस्टरॉयड के लिए अलर्ट जारी किया है। इनमें से पहला एस्टरॉयड 2023 KU2 है जो एक 37 फीट का चट्टानी टुकड़ा है। यह पृथ्वी की ओर आते हुए इससे 1,090,000 किलोमीटर की दूरी पर से गुजरने वाला है। इसका साइज एक बड़ी बस के जितना है।
दूसरा एस्टरॉयड 2023 KV2 है, जो आज धरती की ओर बढ़ रहा है। इसका साइज 73 फीट का है। एस्टरॉयड हजारों किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलते हैं। इसलिए इनकी गति जितनी ज्यादा होती है, उतना ही ये खतरनाक माने जाते हैं। एस्टरॉयड 2023 KV2 की स्पीड भी बहुत ज्यादा है। यह धरती से महज 25 लाख किलोमीटर की दूरी पर से गुजरने वाला है। JPL ने बताया है कि यह एस्टरॉयड जब धरती के सबसे करीब होगा तो इनके बीच की दूरी महज 2,550,000 किलोमीटर रह जाएगी।
नासा की जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी ने आज एक तीसरे एस्टरॉयड के लिए भी अलर्ट जारी किया है। ये अलर्ट तभी जारी किया जाता है जब कोई एस्टरॉयड 75 लाख किलोमीटर की सीमा के अंदर प्रवेश कर जाए। एस्टरॉयड 2023 JZ3 भी एक ऐसा ही एस्टरॉयड है जो आज धरती के लिए खतरा साबित हो सकता है। इसका साइज 78 फीट है। यह इन तीनों में सबसे बड़ा चट्टानी टुकड़ा है। जब यह धरती के सबसे करीब पहुंचेगा तो पृथ्वी और इस चट्टान के बीच की दूरी केवल 5,440,000 किलोमीटर रह जाएगी। किसी एस्टरॉयड की धरती से सीधे टकराने की संभावना न के बराबर होती है। नासा ने इन तीनों में से किसी भी एस्टरॉयड के सीधे धरती से टकराने जैसी कोई सूचना जारी नहीं की है। लेकिन एहतियातन इन्हें ट्रैक किया जाता है, क्योंकि ये अपनी दिशा कभी भी बदल सकते हैं।