अनंत ब्रह्मांड में सौरमंडल का अस्तित्व ऐसा है मानो महासागर में एक बूंद! फिर भी खगोलीय पिंड कितने विशालकाय मालूम पड़ते हैं। इसी तरह हमारे सौरमंडल की तुलना में पृथ्वी का अस्तित्व भी बहुत छोटा हो जाता है। बावजूद इसके, मानव दृष्टि से यह कितनी विशालकाय है। रहस्यों से भरे अंतरिक्ष में ग्रहों के अलावा बहुत से खगोलीय पिंड हैं जो अनदेखे हैं। और जो देखे हुए हैं, उनके बारे में भी बहुत अधिक नहीं जाना जा सका है। एस्टरॉयड भी ऐसे ही खगोलीय पिंड हैं जो इन दिनों वैज्ञानिकों की चिंता का विषय बने हुए हैं। नासा ने आज फिर से एक एस्टरॉयड के धरती के करीब आने की चेतावनी जारी की है। आइए जानते हैं कि यह कितना बड़ा एस्टरॉयड है और पृथ्वी को इससे कितना खतरा हो सकता है।
एस्टरॉयड
सौरमंडल में घूमते चट्टानों के टुकड़े हैं। ये ग्रहों में हुए विस्फोट के दौरान बनते हैं और अपनी एक कक्षा बनाकर सूर्य के चारों ओर घूमने लगते हैं। कई बार ये घूमते हुए किसी ग्रह के बेहद करीब आ जाते हैं और टकराव की संभावना भी बन जाती है। नासा की
जेट प्रॉपल्शन लेबोरेटरी इन पर लगातार नजर रखती है। पृथ्वी से 75 लाख किलोमीटर की सीमा के भीतर अगर कोई एस्टरॉयड प्रवेश करता है तो यह पृथ्वी के लिए खतरनाक हो सकता है। ऐसा ही एक एस्टरॉयड आज पृथ्वी के करीब आने वाला है। इसका नाम 2023 KZ एस्टरॉयड है।
2023 KZ एक 41 फीट का एस्टरॉयड है। नासा के अनुसार, यह एक बस के जितना बड़ा है। पृथ्वी की तुलना में इसका साइज बहुत छोटा है, लेकिन टकराने की स्थिति में यह जान-माल का बड़ा नुकसान कर सकता है। यह पृथ्वी से 35 लाख किलोमीटर से भी कम दूरी पर से गुजरने वाला है।
JPL के अनुसार जब यह धरती के सबसे करीब होगा तो दोनों के बीच की दूरी 3,420,000 किलोमीटर होगी। यह दूरी काफी कम है। लेकिन नासा ने अभी तक इसके पृथ्वी से टकराने जैसी कोई सूचना जारी नहीं की है।
NASA उन्हीं एस्टरॉयड्स के लिए अलर्ट जारी करती है जो पृथ्वी के समीप एक निर्धारित दूरी से ज्यादा करीब आ जाते हैं। यह दूरी नासा ने 75 लाख किलोमीटर बताई है। इस रेंज में आने वाले सभी एस्टरॉयड्स को नासा ट्रैक करती है ताकि पृथ्वी को संभावित खतरे से बचाया जा सके। स्पेस एजेंसी आए दिन किसी न किसी एस्टरॉयड के लिए अलर्ट जारी कर रही है, क्योंकि इन दिनों एस्टरॉयड लगातार धरती के करीब से होकर गुजर रहे हैं। यह सिलसिला लगातार जारी है।