ऑटोमोबाइल से लेकर सॉफ्टवेयर तक के बिजनेस से जुड़ा Tata Group जल्द ही iPhone की असेंबलिंग करने वाली Apple की सप्लायर Wistron की फैक्टरी खरीद सकता है। यह डील होने के बाद यह पहली बार होगा कि कोई भारतीय कंपनी आईफोन बनाएगी। इस डील की वैल्यू 60 करोड़ डॉलर से अधिक की हो सकती है।
Bloomberg की रिपोर्ट में इस डील के बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया गया है कि दोनों पक्षों के बीच इसके लिए लगभग एक वर्ष से बातचीत हो रही है। इस फैक्टरी में 10,000 से अधिक वर्कर्स हैं। इसमें पिछले वर्ष लॉन्च किए गए आईफोन 14 की असेंबलिंग भी होती है। विस्ट्रॉन की यह फैक्टरी कर्नाटक में है।
कंपनी ने राज्य सरकार की ओर से मिलने वाले इंसेंटिव को हासिल करने के लिए मौजूदा वित्त वर्ष में इस फैक्टरी से लगभग 1.8 अरब डॉलर के आईफोन की शिपमेंट करने की योजना बनाई है। इसके अलावा इस फैक्टरी में अगले वर्ष तक वर्कर्स की संख्या तिगुनी करने का भी टारगेट है।
देश में विस्ट्रॉन के आईफोन के बिजनेस से निकलने के बाद टाटा ग्रुप इन लक्ष्यों को पूरा कर सकता है। इस बारे में टाटा ग्रुप, विस्ट्रॉन और एपल के प्रवक्ताओं ने कोई जानकारी देने से मना कर दिया। एपल ने चीन के बाहर अपना प्रोडक्शन बढ़ाने की योजना बनाई है। इसके लिए कंपनी को भारत में संभावना दिख रही है। विस्ट्रॉन ने मौजूदा वित्त वर्ष के पहले तीन महीनों में देश से लगभग 50 करोड़ डॉलर के आईफोन का एक्सपोर्ट किया है।
एपल के अन्य प्रमुख सप्लायर्स में Foxconn और Pegatron शामिल हैं। देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से फाइनेंशियल इंसेंटिव देने की योजना से बहुत सी विदेशी कंपनियां अपनी फैक्टरी लगाने की संभावना तलाश रही हैं।
एपल के आईफोन की नई सीरीज इस वर्ष के अंत में लॉन्च होने की संभावना है। इस सीरीज में iPhone 15, iPhone 15 Plus, iPhone 15 Pro और iPhone 15 Pro Max शामिल हो सकते हैं। ये स्मार्टफोन्स Apple के मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम के अगले वर्जन iOS 17 पर चलेंगे। कंपनी को आईफोन की नई सीरीज के लिए डिमांड मजबूत होने की उम्मीद है। इसका संकेत एपल की ओर से दिए गए पैनल के ऑर्डर्स से मिल रहा है।