पिछले वर्ष दुनिया भर में रिफर्बिश्ड या सेकेंड हैंड स्मार्टफोन की बिक्री लगभग पांच प्रतिशत बढ़ी है। इस सेगमेंट में iPhone बनाने वाली अमेरिकी कंपनी Apple लगभग 49 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ पहले स्थान पर रही। फ्लैगशिप और प्रीमियम स्मार्टफोन्स की डिमांड बढ़ने से इस मार्केट में तेजी आई है।
मार्केट रिसर्च फर्म Counterpoint की
रिपोर्ट के अनुसार, रिफर्बिश्ड स्मार्टफोन्स के मार्केट में लगभग 20 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ Samsung का दूसरा स्थान था। चीन में कोरोना के कारण लगे प्रतिबंधों की वजह से इस मार्केट में वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 17 प्रतिशत की गिरावट आई है। हालांकि, भारत में यह मार्केट लगभग 19 प्रतिशत बढ़ा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कस्टमर्स कम फीचर्स के साथ सस्ता स्मार्टफोन खरीदना पसंद कर रहे हैं। रिफर्बिश्ड iPhones की डिमांड बढ़ी है। पिछले वर्ष इस सेगमेंट में एपल ने 16 प्रतिशत की ग्रोथ हासिल की। हालांकि, इससे बहुत से मार्केट्स में नए iPhone की बिक्री पर भी असर पड़ा है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि इस वर्ष रिफर्बिश्ड स्मार्टफोन्स के मार्केट में 5G हैंडसेट्स की डिमांड बढ़ने और 4G स्मार्टफोन्स के कस्टमर्स घटने का अनुमान है।
एपल ने भारत में बिजनेस के 25 वर्ष पूरे कर लिए हैं। कंपनी ने कहा है कि देश में उसके स्टोर्स की शुरुआत बिजनेस को बढ़ाने की एक बड़ी योजना का संकेत है। ये स्टोर्स मुंबई और दिल्ली में खोले गए हैं।
कंपनी के CEO, Tim Cook के अनुसार, "हम अपने कस्टमर्स को सपोर्ट करने, लोकल कम्युनिटीज में इनवेस्टमेंट करने और मानवता के लिए कार्य करने वाले इनोवेशंस के साथ आगे बढ़ने को लेकर उत्साहित हैं।" पिछले फाइनेंशियल ईयर में देश से मोबाइल फोन का एक्सपोर्ट बढ़कर 11.12 अरब डॉलर (लगभग 90,000 करोड़ रुपये) पर पहुंच गया है। इसमें एपल की हिस्सेदारी लगभग आधी है। इससे पिछले फाइनेंशियल ईयर में मोबाइल फोन का एक्सपोर्ट लगभग 45,000 करोड़ रुपये का था। कंपनी ने लगभग 5.5 अरब डॉलर (लगभग 45,000 करोड़ रुपये) के मेड इन इंडिया आईफोन्स का एक्सपोर्ट किया है। एपल के लिए भारत एक महत्वपूर्ण मार्केट है। देश में कंपनी की सेल्स उच्च स्तर पर पहुंच गई है। इसके अलावा एपल ने भारत में आईफोन का प्रोडक्शन बढ़ाने की भी तैयारी की है। देश में कंपनी अपने कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चर्स के जरिए आईफोन का प्रोडक्शन करती है।