जनवरी 2017 में स्टीव जॉब्स ने ओरिजिनल आईफोन लॉन्च किया था। इसके बाद से मोबाइल और निज़ी कम्प्यूटिंग इंडस्ट्रीज़ में बड़ा बदलाव आया हा। अब, दस साल बाद ऐप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की याद में बनी बिल्डिंग में उनके उत्तराधिकारी टिम कुक ने आईफोन एक्स
लॉन्च किया। आईफोन एक्स को लेकर टिम कुक और ऐप्पल का मानना है कि यह डिवाइस अगले दस साल के लिए स्मार्टफोन इंडस्ट्री का रोडमैप तय करेगा।
iPhone X के साथ, आईफोन के दस साल के इतिहास में ऐप्पल ने डिज़ाइन में सबसे बड़ा बदलाव किया है। क्योंकि अब फोन के अधिकतर हिस्से पर डिस्प्ले का कब्ज़ा है। फोन के अगले हिस्से पर सबसे ऊपर के किनारे पर छोटा सा हिस्सा छोड़ दें, तो आईफोन एक्स के सभी तरफ़ बेहद पतले बेज़ल हैं। इसका मतलब है कि, नया और सबसे महंगा आईफोन पिछले आईफोन डिवाइस से देखने में बिल्कुल अलग है। हालांकि, फोन में दिया गया इस तरह का बेज़ल-लेस डिज़ाइन हमने
चिन और
बिना चिन वाले कुछ एंड्रॉयड स्मार्टफोन में भी देखा है।
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आईफोन 7 प्लस से छोटी बॉडी वाले इस डिवाइस में, ऐप्पल ने एक 5.8 इंच डिस्प्ले दिया है जो कि अब तक आए आईफोन में सबसे बड़ा है। बात जब स्क्रीन-टू-बॉडी रेशियो की हो तो 2017 में आने वाले स्मार्टफोन के लिहाज़ से एंड्रॉयड निर्माताओं के साथ अब ऐप्पल भी उसी पायदान पर आ खड़ी हुई है। इतना ही नहीं- सैमसंग और दूसरे स्मार्टफोन निर्माताओं की तकनीक को अब आईफोन में भी दे दिया गया है।
ऐप्पल ने अपने स्मार्टफोन में पहली बार ओलेड पैनल का इस्तेमाल किया है। ताकि आईफोन एक्स का अगला डिस्प्ले से लैस हिस्सा आकर्षित कर सके। लॉन्च इवेंट में ऐप्पल ने कहा कि ओलेड टेक्नोलॉजी एक ऐसी तकनीक है जिससे ब्राइटनेस लेवल, वाइड कलर सपोर्ट और कलर एक्यूरेसी कंपनी की इच्छा के अनुसार मिलती है। बात जब स्पेसिफिकेशन की हो तो आईफोन एक्स में मौजूद 'सुपर रेटिना' डिस्प्ले हर लिहाज़ से शानदार है। डिस्प्ले का रिज़ॉल्यूशन 1125x2436 पिक्सल्स, स्क्रीन डेनसिटी 458 पीपीआई, डॉल्बी विज़न, एचडीआर10, ट्रू टोन और वन मिलियन-टू-वन कंट्रास्ट रेशियो है। परफॉर्मेंस की बात करें तो हमारे द्वारा आज़माए गए किसी भी स्मार्टफोन से आईफोन एक्स का डिस्प्ले अच्छा है।
फोन में एक ऑल-डिस्प्ले फ्रंट के लिए ऐप्पल ने जाने-पहचाने होम बटन और टच आईडी सेंसर को ख़त्म कर दिया है। बता दें कि आईफोन में शुरुआत से ही हमने इन फ़ीचर को देखा है। इसकी जगह अब आईफोन में फेस आईडी ने ले ली है जो कि फोन में दी गई चिन में दिए गए सेंसर में मौजूद है। एक डॉट प्रोजेक्टर, एक इन्फ्रारेड कैमरा और एक फ्लड इल्युमिनेटर के चलते आईफोन एक्स आपके चेहरे का 3डी मॉडल बना सकता है और यह अंधेरे में भी काम करता है। ऐप्पल का कहना है कि फेस आईडी को किसी तस्वीर के जरिए मूर्ख नहीं बनाया जा सकता और यहां तक कि एक फेस मास्क को दिखाने पर भी यह काम नहीं करेगा।
हालांकि, हम मंगलवार को स्टीव जॉब्स थिएटर में फोन के इस्तेमाल के दौरान अपने चेहरे का इस्तेमाल कर फेस आईडी को नहीं जांच सके। इवेंट के बाद दिखे डेमो के आधार पर हमने पाया कि पहली जेनरेशन की अनलॉक तकनीक निश्चित तौर पर टच आईडी से धीमी है, जो निश्चित तौर पर चौंकाने वाली बात है। लेकिन शायद फेस आईडी को दूसरे स्मार्टफोन निर्माताओं के फेस-अनलॉक फ़ीचर के साथ तुलना करना बेहतर होगा और फेस आईडी इस टेस्ट में जीता हुआ लगता है। आईफोन एक्स के बारे में हम अपने रिव्यू में विस्तृत प्रक्रिया के बाद आख़िरी फैसला देंगे।
आईफोन एक्स का एक नया मज़ेदार फ़ीचर है ट्रूडेप्थ कैमरा सिस्टम जिससे एनिमोजी बनाई जा सकती हैं। इस फ़ीचर के जरिए आप ऐसी इमोजी मैसेज में भेज सकते हैं जिनें आपका चेहरा और आवाज़ होती है। इसके साथ ही यह देखना मज़ेदार होगा कि एनीमोजी को एक बार इस्तेमाल करने के बाद, दोबारा इस्तेमाल किया जा सकेगा या नहीं। इसके अलावा दूसरे सॉफ्टवेयर फ़ीचर भी हैं जो आईफोन एक्स में अलग हैं। जैसे कि होम बटन से होने वाले का के लिए निचले किनारे से ऊपर की तरफ़ स्वाइप करना होगा। वहीं मल्टी-टास्किंग व्यू के लिए ऊपर स्वाइप और देर तक होल्ड करना होगा व चिन के नीचे की तरफ दांयीं तरफ़ से स्वाइप करने पर कंट्रोल सेंटर खुल जाएगा।
जैसी कि उम्मीद थी, आईफोन एक्स कई सारे नए सुधार के साथ आता है। इसमें रियर पर क्वाड-एलईडी ट्रू टोन फ्लैश के साथ बेहतर कैमरा है। फोन में अब तक का सबसे तेज ए11 बायोनिक प्रोसेसर, स्टीरियो स्पीकर, वाटर और डस्ट रेसिस्टेंस और वायरलेस चार्जिंग जैसे फ़ीचर हैं। आने वाले अगले कुछ दिनों में हम इन फ़ीचर को टेस्ट करेंगे। आईफोन एक्स के विस्तृत रिव्यू के लिए गैजेट्स 360 के साथ बने रहें।