इस वर्ष इन जॉब्स की है ज्यादा डिमांड, सॉफ्टवेयर डिवेलपर का पहला रैंक

स्लोडाउन और छंटनी की आशंका और बढ़ने के कारण जॉब सिक्योरिटी पर इस वर्ष लोग ज्यादा जोर दे रहे हैं

इस वर्ष इन जॉब्स की है ज्यादा डिमांड, सॉफ्टवेयर डिवेलपर का पहला रैंक

टेक सेक्टर में सॉफ्टवेयर डिवेलपर्स के लिए स्थिति खराब है लेकिन अन्य सेक्टर्स में संभावनाएं हैं

ख़ास बातें
  • जॉब सिक्योरिटी पर इस वर्ष लोग ज्यादा जोर दे रहे हैं
  • टेक इंडस्ट्री में बरकरार रहने वाले वर्कर्स के लिए कॉम्पिटिशन बढ़ गया है
  • टेक सेक्टर में छंटनी करने वाली कंपनियों की संख्या अधिक है
विज्ञापन
पिछले कुछ महीनों में Amazon और Meta जैसी बड़ी टेक कंपनियों मे बड़ी संख्या में छंटनी के बावजूद सॉफ्टवेयर डिवेलपर का इस वर्ष अधिक डिमांड वाली जॉब्स में पहला स्थान है। स्लोडाउन और छंटनी की आशंका और बढ़ने के कारण जॉब सिक्योरिटी पर इस वर्ष लोग ज्यादा जोर दे रहे हैं। 

US News ने ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिस्टिक्स के डेटा का एनालिसिस कर जॉब्स को हायरिंग की डिमांड, ग्रोथ, एवरेज सैलरी, एंप्लॉयमेंट रेट, संभावनाओं और तनाव के स्तर जैसे बिंदुओं के आधार पर रैकिंग दी है। ZipRecruiter के हाल के एक सर्वे में कहा गया था कि टेक सेक्टर में छंटनी का शिकार हुए वर्कर्स में से एक-चौथाई से अधिक अलग इंडस्ट्री में गए हैं। टेक इंडस्ट्री में बरकरार रहने वाले वर्कर्स के लिए कॉम्पिटिशन बढ़ गया है क्योंकि इस इंडस्ट्री में पोजिशंस कम हो रही हैं और उन्हें हासिल करने की कोशिश करने वालों की संख्या बढ़ गई है। टेक सेक्टर में सॉफ्टवेयर डिवेलपर्स के लिए स्थिति कुछ खराब है लेकिन अन्य सेक्टर्स में संभावनाएं मौजूद हैं। हालांकि, फाइनेंस से लेकर रिटेल जैसे सेक्टर्स में सॉफ्टवेयर डिवेलपर्स के लिए पैकेज टेक इंडस्ट्री की तुलना में कम हैं। 

अधिक जॉब सिक्योरिटी पर जोर देने वालों के लिए हेल्थकेयर सेक्टर बेहतर है। इसमें रजिस्टर्ड नर्स और हेल्थ सर्विसेज मैनेजर जैसी जॉब्स मौजूद हैं। टेक सेक्टर में छंटनी करने वाली कंपनियों की संख्या बढ़ रही है। इंटरनेट सर्च से जुड़ी Google में वर्कर्स के लिए नया परफॉर्मेंस रिव्यू सिस्टम लागू किया जा रहा है। इससे बड़ी संख्या में वर्कर्स को लो परफॉर्मेंस रेटिंग्स मिलने का रिस्क होगा। पिछले वर्षों की तुलना में कम वर्कर्स ही हाई रेटिंग हासिल कर सकेंगे। नया रिव्यू सिस्टम इस वर्ष से लागू किया जाएगा। 

गूगल का अनुमान है कि कंपनी के फुल टाइम वर्कर्स में से छह प्रतिशत कम रैंकिंग वाली कैटेगरी में आएंगे। इससे उनकी जॉब के लिए रिस्क बढ़ जाएगा। हालांकि, कंपनी ऐसे वर्कर्स को सुधार का मौका दे सकती है। कंपनी के मौजूदा सिस्टम में केवल दो प्रतिशत वर्कर्स को निचली रैंकिंग मिलती है। गूगल के स्टाफ के लिए चुनौती बढ़ जाएगी क्योंकि हाई रैंकिंग वाले वर्कर्स को भी रेटिंग बढ़ाने के लिए कोशिश करनी होगी। गूगल का अनुमान है कि केवल 22 प्रतिशत वर्कर्स ही सबसे ऊंची दो कैटेगरी में आएंगे। मौजूदा सिस्टम में यह आंकड़ा लगभग 27 प्रतिशत का है।
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Realme P4x 5G का आज भारत में लॉन्च, 7000mAh बैटरी के साथ होंगे ये धांसू फीचर्स, जानें सबकुछ
  2. 50MP कैमरा, 6400mAh बैटरी वाला iQOO फोन मिल रहा गजब सस्ता, ये है डील
  3. Gmail पर गलती से चला गया ईमेल, तुरंत ऐसे करें एडिट या डिलीट, जानें कैसे काम करता है अनडू सेंड फीचर
  4. कबूतरों में लगा दी चिप! ड्रोन की तरह होंगे रिमोट से कंट्रोल
  5. अमेरिका के स्मार्टफोन मार्केट में भारत की बढ़ी ताकत, टैरिफ के बावजूद एक्सपोर्ट हुआ तिगुना
  6. Xiaomi ने हल्का वैक्यूम क्लीनर किया लॉन्च, 40 की मिनट लगातार क्लीनिंग, जानें कीमत
  7. जमा देने वाली –20°C ठंड में भी चलता है! DOOGEE ने लॉन्च किया 200MP कैमरा, 20500mAh बैटरी वाला स्मार्टफोन
  8. OnePlus Ace 6T फोन 8000mAh बैटरी और 16GB तक रैम के साथ हुआ लॉन्च, जानें कीमत और स्पेसिफिकेशंस
  9. Dyson HushJet Purifier Compact: एडवांस फिल्ट्रेशन टेक्नोलॉजी वाला एयर प्यूरीफायर भारत में लॉन्च, जानें कीमत
  10. पंजाब में हुआ अनोखा चैलेंज: बिना मोबाइल बैठना था 31 घंटे, 55 लोगों ने लिया हिस्सा, केवल...
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »