भारत में Meta के बिजनेस मैसेजिंग डायेरक्टर रवि गर्ग ने कहा कि “प्रति दिन लाखों यात्री अपनी डेली यात्रा के लिए लोकल ट्रांसपोर्ट सर्विस पर निर्भर रहते हैं।
मेटा और गूगल जैसे बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों को कुछ देशों में रेगुलेशंस का पालन नहीं करने की वजह से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में केंद्र सरकार ने कहा था कि इंटरनेट पर बड़ी ऐड-टेक कंपनियों की दबदबा चिंता का विषय है
WhatsApp अब फिशिंग अटैक्स को लेकर पहले से ज्यादा गंभीर नजर आ रहा है। Meta के स्वामित्व वाले इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म ने अपने यूजर्स को किसी अज्ञात व्हाट्सऐप मैसेज में स्पैलिंग, व्याकरण (grammer) की गलतियों जैसे पहलुओं को परखते हुए फिशिंग अटैक पहचानने के बारे में शिक्षित करने का प्रयास किया है।
Meta का कहना है कि 1 से 30 नवंबर के बीच उन्हें इंडियन ग्रीवेंस मैकेनिज्म के जरिए 21,149 रिपोर्ट प्राप्त हुईं और कंपनी ने इन सभी में से 100% का जवाब दिया।
वॉट्सऐप के यूजर्स को कंपनी की पॉलिसी का उल्लंघन करने वाले एकाउंट्स की रिपोर्ट देने की अनुमति होती है। इसके साथ ही यह ऐसे पॉलिसी का उल्लंघन करने वाले एकाउंट्स की पहचान के लिए अपने सिस्टम्स का भी इस्तेमाल करता है