देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO), K Krithivasan को पिछले वर्ष 25 करोड़ रुपये से अधिक का पैकेज मिला है। Krithivasan ने पिछले वर्ष कंपनी की जिम्मेदारी संभाली थी। उन्होंने Rajesh Gopinathan की जगह ली थी।
कंपनी की एनुअल रिपोर्ट में बताया गया है कि Krithivasan को लगभग 1.27 करोड़ रुपये की सैलरी, 3.08 करोड़ रुपये के बेनेफिट और एलाउंसेज और 21 करोड़ रुपये की कमीशन मिली है।
TCS के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO), N G Subramaniam को पिछले फाइनेंशियल ईयर में 26.18 करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया है। Subramaniam जल्द ही कंपनी से रिटायर होने वाले हैं। उनके पैकेज में लगभग 1.72 करोड़ रुपये की सैलरी, लगभग 3.45 करोड़ रुपये के बेनेफिट और एलाउंसेज और 21 करोड़ रुपये कमीशन के तौर पर मिले हैं।
कंपनी ने बताया कि COO का पैकेज लगभग 8.2 प्रतिशत बढ़ा है। डेजिग्नेशन में बदलाव के कारण Krithivasan के पैकेज की उनसे तुलना नहीं की जा सकती है।
TCS ने वेरिएबल पे से जुड़ी पॉलिसी को अपडेट कर इसमें ऑफिस से वर्क को महत्वपूर्ण बनाया है। इसमें वर्कर्स की वेरिएबल पे को तय करने के लिए चार अटेंडेंस स्लैब बनाए गए हैं। नई पॉलिसी के तहत, एक तिमाही में 60 प्रतिशत से कम ऑफिस आने वालों को उस तिमाही के लिए कोई वेरिएबल पे नहीं मिलेगी। TCS के ऑफिस में 60-75 प्रतिशत अटेंडेंस वाले वर्कर्स को वेरिएबल पे का 50 प्रतिशत, और 75-85 प्रतिशत अटेंडेंस वालों को 75 प्रतिशत मिलेगा। ऑफिस में 85 प्रतिशत से अधिक अटेंडेंस वाले वर्कर्स को ही उस तिमाही के लिए पूरी वेरिएबल पे दी जाएगी। इस पॉलिसी में चेतावनी दी गई है ऑफिस से वर्क के 85 प्रतिशत के नियम का लगातार उल्लंघन करने वाले वर्कर्स को अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना होगा।
हाल ही में TCS पर अमेरिका में कुछ वर्कर्स ने एंप्लॉयमेंट में भेदभाव का आरोप लगाया था। इन वर्कर्स का कहना था कि कंपनी ने उन्हें कम अवधि का नोटिस देकर टर्मिनेट कर दिया था और इसके बाद खाली हुई कई पोजिशंस पर भारत से H-1B वीजा पर आए वर्कर्स को रखा था। Wall Street Journal की एक रिपोर्ट के अनुसार, 20 से अधिक वर्कर्स ने इक्वल एंप्लॉयमेंट ऑपर्च्युनिटी कमीशन (EEOC) के पास शिकायत दर्ज कराई है। अमेरिका की यह कानून प्रवर्तन एजेंसी वर्कप्लेस पर भेदभाव को गैर कानूनी करार देती है।