भारत को इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) इंडस्ट्री का टैलेंट हब माना जाता है। इन सेक्टर में काम करने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स को आकर्षक सैलरी पैकेज मिलना भी सामान्य है। हालांकि, ऐसा सभी मामलों में नहीं होता। एक सर्वे से पता चला है कि स्टार्टअप्स में काम करने वाले इंजीनियर्स को बड़ी IT कंपनियों की तुलना में अधिक सैलरी मिलती है।
हालांकि, अन्य प्रोफेशंस के साथ तुलना करने पर सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स की सैलरी अधिक है। IT
हायरिंग में कंपनियों की मदद करने वाले स्टार्टअप Weekday के एक सर्वे में सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स की सैलरी का एनालिसिस किया गया है। इसमें 50,000 से अधिक इंजीनियर्स के सैलरी डेटा को शामिल किया गया था। Weekday के डेटा के अनुसार, Sharechat, CRED, Meesho, Swiggy और बहुत से अन्य स्टार्टअप्स में काम करने वाले इंजीनियर्स का सालाना पैकेज टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और Infosys जैसी ग्लोबल IT कंपनियों की तुलना में काफी ज्यादा है।
इस स्टार्टअप्स में Sharechat मिड-लेवल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स को सबसे अधिक सैलरी देती है। Sharechat में लगभग चार वर्ष के एक्सपीरिएंस वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स को लगभग 47 लाख रुपये का वार्षिक सैलरी पैकेज मिलता है। इसके बाद CRED और Meesho हैं, जिनमें क्रमशः 40 लाख रुपये और 39 लाख रुपये का पैकेज दिया जाता है।
कोरोना के दौरान बहुत सी बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों ने एंप्लॉयीज को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी थी। हालांकि, ये कंपनियां अब एंप्लॉयीज पर ऑफिस आने का दबाव बना रही हैं। TCS ने अपने स्टाफ को सप्ताह में कम से कम तीन दिन ऑफिस से काम करने के लिए कहा है। कंपनी ने एंप्लॉयीज को भेजी ईमेल में
बताया है कि उसने अपने सुपरवाइजर की ओर से बनाए गए रोस्टर के अनुसार एक सप्ताह में तीन दिन ऑफिस से काम करना होगा। इसका उल्लंघन करने वाले एंप्लॉयीज के खिलााफ कंपनी की ओर से कार्रवाई की जा सकती है। हालांकि, ईमेल में इसके लिए कोई समयसीमा नहीं दी गई है। एंप्लॉयीज से अधिक जानकारी के लिए उनके HR बिजनेस पार्टनर्स से संपर्क करने को कहा गया है। कुछ सप्ताह पहले TCS ने ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए एंप्लॉयीज को ऑफिस आने के लिए प्रोत्साहित किया था। TCS ने 25x25 प्लान बनाया है। यह एक नया ऑपरेटिंग मॉडल है जिसमें किसी भी समय उसकी वर्कफोर्स के केवल 25 प्रतिशत को ऑफिस में मौजूद रहना होगा। इस प्लान को अगले तीन वर्षों में पूरी तरह लागू किया जाएगा।