इसरो ने सबसे भारी रॉकेट LVM3 के साथ लॉन्च किए 36 OneWeb ब्रॉडबैंड सैटेलाइट

यह ISRO और NSIL के लिए बड़े कमर्शियल ऑर्डर्स में से एक है। यह ऐसा पहला ऑर्डर है कि जिसमें LVM3 रॉकेट का इस्तेमाल किया गया है

इसरो ने सबसे भारी रॉकेट LVM3 के साथ लॉन्च किए 36 OneWeb ब्रॉडबैंड सैटेलाइट

यह ISRO और NSIL के लिए बड़े कमर्शियल ऑर्डर्स में से एक है

ख़ास बातें
  • OneWeb में भारती ग्लोबल सबसे बड़ी इनवेस्टर है
  • यह ऐसा पहला ऑर्डर है कि जिसमें LVM3 रॉकेट का इस्तेमाल किया गया है
  • अगले साल जून में चंद्रयान-3 को लॉन्‍च किया जाएगा
विज्ञापन
इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) की कमर्शियल यूनिट न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से OneWeb के 36 ब्रॉडबैंड सैटेलाइट्स का सफल लॉन्च किया है। लो अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट कम्युनिकेशंस फर्म OneWeb में भारती ग्लोबल सबसे बड़ी इनवेस्टर है। 

यह ISRO और NSIL के लिए बड़े कमर्शियल ऑर्डर्स में से एक है। यह ऐसा पहला ऑर्डर है कि जिसमें LVM3 रॉकेट का इस्तेमाल किया गया है। OneWeb ने बताया कि वह अगले वर्ष तक पूरे देश में हाई-स्पीड कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने की योजना बना रही है। OneWeb के लिए यह 14वां और इस वर्ष का दूसरा लॉन्च है। इससे फर्म के सैटेलाइट्स की कुल संख्या 462 हो गई है। यह इसकी 648 लो अर्थ ऑर्बिट सैटेलाइट रखने की योजना का 70 प्रतिशत से अधिक है। OneWeb ने कहा, "फर्म के चार लॉन्च बाकी है और इसके बाद अगले वर्ष तक ग्लोबल कवरेज शुरू करने के लिए OneWeb तैयार हो जाएगी। फर्म के कनेक्टिविटी सॉल्यूशंस पहले ही 50-डिग्री लैटिट्यूड के उत्तर में मौजूद हैं।" 

पूरी तरह स्वदेशी टेक्नोलॉजी से बनाया गया LVM3 रॉकेट अभी तक चार सफल मिशन में शामिल रहा है। इनमें महत्वपूर्ण चंद्रयान-2 मिशन शामिल है। डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस के सेक्रेटरी और ISRO के चेयरमैन Somanath S ने इस इवेंट को देश और भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए 'ऐतिहासिक' करार दिया है। ISRO अपने तीसरे मून मिशन को लॉन्‍च करने की तैयारी कर रहा है। अगले साल जून में चंद्रयान-3 को लॉन्‍च किया जाएगा। यह चंद्रमा की सतह पर खोज को लेकर महत्‍वपूर्ण अभियान है। इसरो अगले साल की शुरुआत में देश के पहले मानव अंतरिक्ष यान ‘गगनयान' के लिए ‘एबॉर्ट मिशन' की पहली टेस्‍ट फ्लाइट की भी तैयारी कर रहा है। 

लगभग तीन वर्ष पहले चंद्रयान-2 मिशन के दौरान लैंडर विक्रम' चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसके बाद चांद पर यान उतारने की भारत की पहली कोशिश नाकाम रही थी। इसरो का कहना है कि चंद्रयान-3 मिशन तैयार है। इस यान की इंजीनियरिंग एकदम अलग है और इसे बहुत मजबूत बनाया है, जिससे पहले जैसी परेशानियां न हों। चंद्रयान-3 में कई बदलाव किए हैं। किसी भी इक्विपमेंट के फेल होने की स्थिति में बाकी इक्विपमेंट भरपाई करेंगे। चंद्रयान-3 के लिए जिस रोवर को तैयार किया गया है, वह यात्रा की ऊंचाई को बेहतर तरीके से कैलकुलेट कर सकता है और ऐसी जगहों से खुद को बचा सकता है, जहां खतरा हो सकता है। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स शो की लेटेस्ट खबरें hindi.gadgets 360 पर और हमारे CES 2025 पेज पर देखें

आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. बिटकॉइन में जोरदार तेजी, इस वर्ष पहली बार पार किया 1 लाख डॉलर का लेवल
  2. Amazon और Flipkart के खिलाफ जांच का मामला कर्नाटक हाई कोर्ट को ट्रांसफर
  3. Oppo Reno 13 5G सीरीज के भारत में लॉन्च से कुछ दिन पहले लीक हुई कीमत!
  4. WhatsApp पर 200 करोड़ रुपये से ज्यादा के जुर्माने को NCLAT में चुनौती
  5. Huawei ने लॉन्च किया 108MP कैमरा, 5000mAh बैटरी वाला Nova 13i स्मार्टफोन, जानें कीमत और स्पेसिफिकेशन्स
  6. Hyundai की क्रेटा इलेक्ट्रिक में होंगे कई सेफ्टी फीचर्स
  7. OnePlus 13 की कीमत होगी OnePlus 12 के बराबर! भारत में लॉन्च से पहले लीक हुआ बॉक्स प्राइस
  8. महंगे हो सकते हैं Jio Star के नए प्लान, कंपनी ने फाइल किया ROI
  9. Apple और Google ने सरकार के आदेश के बाद अपने ऐप स्टोर्स से कई VPN ऐप्स को हटाया
  10. Samsung TV Days: एक TV की खरीद पर दूसरा बिल्कुल फ्री, कुछ मॉडल के साथ मुफ्त साउंडबार!
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »