पिछले कुछ महीनों में टेक्नोलॉजी सेक्टर की बहुत सी कंपनियों ने अपने एंप्लॉयीज को वर्क-फ्रॉम-होम या रिमोट लोकेशन से कार्य का विकल्प समाप्त कर उन्हें ऑफिस आने का निर्देश दिया है। इन कंपनियों में Google भी शामिल है। हालांकि, गूगल की एक सप्ताह में कम से कम तीन दिन एंप्लॉयीज के ऑफिस में आने की नई पॉलिसी का काफी विरोध हो रहा है। इसे लेकर कंपनी के एंप्लॉयीज सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।
बहुत सी कंपनियों ने पिछले कुछ वर्षों में महामारी के कारण वर्क-फ्रॉम-होम की पॉलिसी लागू की थी। हालांकि, महामारी की स्थिति में सुधार के बाद अधिकतर कंपनियों ने इस
पॉलिसी को समाप्त कर एंप्लॉयीज को दोबारा ऑफिस बुला लिया है। गूगल में जॉब का काफी आकर्षण है। इसके पीछेअधिक सैलरी, अच्छा वर्क कल्चर और नई टेक्नोलॉजी पर कार्य का मौका मिलने जैसे कारण हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी की एंप्लॉयीज के लिए एक सप्ताह में कम से कम तीन दिन ऑफिस आना जरूरी करने की पॉलिसी से बहुत से एंप्लॉयीज नाराज हैं। इन एंप्लॉयीज का कहना है कि इससे उनके लिए जॉब और व्यक्तिगत जीवन के बीच संतुलन बनाना मुश्किल हो जाएगा। इसके अलावा महामारी के बाद कई एंप्लॉयीज अलग शहरों या राज्यों में शिफ्ट हो गए थे। इस वजह से उनके लिए सप्ताह में तीन दिन ऑफिस आना लगभग असंभव होगा।
कंपनी की नई पॉलिसी को लेकर एंप्लॉयीज सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। इसे लेकर मीम्स भी बनाए जा रहे हैं। इनमें से एक मीम में कहा गया है, "हम स्कूल जाने वाले बच्चे नहीं हैं। हमारी इस तरह निगरानी न करें।" एंप्लॉयीज के बीच बढ़ती नाराजगी के मद्देनजर गूगल ने कहा है कि वह इस पॉलिसी में कुछ छूट देने के लिए तैयार है। कंपनी ऐसे एंप्लॉयीज को रिमोट तरीके से कार्य की छूट दे सकती है जिन्हें स्वास्थ्य से जुड़ी कोई परेशानी है या जो ऑफिस से दूर रहते हैं। हालांकि, इसके साथ ही कंपनी ने यह स्पष्ट किया है कि वह अपने अधिकतर एंप्लॉयीज की ऑफिस में मौजूदगी को लेकर प्रतिबद्ध है।
भारत की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में विमेन एंप्लॉयीज के जॉब छोड़ने या एट्रिशन की दर बढ़ गई है।
TCS ने भी अपनी वर्क-फ्रॉम-होम से जुड़ी पॉलिसी में बदलाव किया है। यह विमेन एंप्लॉयीज के जॉब छोड़ने का एक कारण बन रहा है। पिछले वित्त वर्ष के अंत में TCS का एट्रिशन रेट वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 20.1 प्रतिशत का था।