देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में विमेन एंप्लॉयीज के जॉब छोड़ने या एट्रिशन की दर बढ़ गई है। TCS सहित इस सेक्टर की बहुत सी कंपनियों ने अपनी वर्क-फ्रॉम-होम से जुड़ी पॉलिसी में बदलाव किया है। यह इन कंपनियों से एंप्लॉयीज के जॉब छोड़ने का एक कारण भी बन रहा है।
रिमोट तरीके से जॉब करने से वर्कप्लेस के साथ ही घर की जिम्मेदारियां संभालने में भी आसानी होती है। महामारी के दौरान बहुत सी सॉफ्टवेयर कंपनियों ने अपने एंप्लॉयीज के लिए वर्क-फ्रॉम-होम की पॉलिसी लागू की थी। पिछले कुछ महीनों में
TCS जैसी कंपनियों ने इस पॉलिसी में बदलाव किया है। इससे एंप्लॉयीज को अपने जॉब और अन्य जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाने में मुश्किल हो रही है। पिछले वित्त वर्ष के अंत में TCS का एट्रिशन रेट वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 20.1 प्रतिशत का था। इस बारे में कंपनी के चीफ ह्युमन रिसोर्सेज ऑफिसर, Milind Lakkad ने एनुअल रिपोर्ट में बताया है, "TCS में विमेन एंप्लॉयीज का एट्रिशन रेट पुरुषों की तुलना में कम रहा था। पिछले वित्त वर्ष में विमेन एंप्लॉयीज का अधिक एट्रिशन रेट हमारी जेंडर डायवर्सिटी को बढ़ाने के प्रयास के लिए एक झटका है।"
उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में कोलेब्रेशन, मेंटोरशिप और टीम को बनाने जैसे वर्कप्लेस के जरूरी हिस्सों को नुकसान हुआ है। Milind ने बताया कि कंपनी की मौजूदा वर्कफोर्स में से आधी से अधिक को कोरोना वायरस के फैलने के बाद हायर किया गया था जब कंपनी का पूरा स्टाफ वर्क-फ्रॉम-होम पर था। पिछले कुछ महीनों में TCS ने अपनी इस पॉलिसी में बदलाव किया है। कंपनी ऐसे एंप्लॉयीज को मेमो दे रही है जो एक सप्ताह में कम से कम तीन दिन ऑफिस में मौजूद नहीं हैं।
पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में
कंपनी का कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू 16 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी के साथ 59,162 करोड़ रुपये रहा था। यह इससे पिछले फाइनेंशियल ईयर की समान अवधि में 50,591 करोड़ रुपये था। चौथी तिमाही में कंपनी की ग्रोथ में उसके रिटेल और कंज्यूमर पैकेज्ड गुड्स (CPG) सॉल्यूशंस की बड़ी हिस्सेदारी थी। इसके CPG वर्टिकल की ग्रोथ 13 प्रतिशत की रही। इसके अलावा लाइफ साइंसेज और हेल्थकेयर वर्टिकल 12 प्रतिशत से अधिक बढ़ा था। कंपनी के बाकी वर्टिकल्स की ग्रोथ सिंगल डिजिट में रही थी।