इंटरनेट सर्च पर गूगल की गैर कानूनी मोनोपॉली, अमेरिकी कोर्ट का फैसला

इस वर्ष की शुरुआत में iPhone बनाने वाली Apple के खिलाफ स्मार्टफोन मार्केट में गलत तरीके से मोनोपॉली बनाने के आरोप में अमेरिका में कानूनी मामला दर्ज हुआ था

इंटरनेट सर्च पर गूगल की गैर कानूनी मोनोपॉली, अमेरिकी कोर्ट का फैसला

इससे कंपनी के कामकाज में बड़े बदलाव को तय करने के लिए दूसरे मुकदमे का रास्ता खुल गया है

ख़ास बातें
  • कोर्ट ने फैसले में कहा कि गूगल ने एंटी-ट्रस्ट कानून का उल्लंघन किया है
  • इससे गूगल को चलाने वाली कंपनी Alphabet के शेयर में बड़ी गिरावट हुई है
  • Alphabet ने बताया कि उसकी योजना इस फैसले के खिलाफ अपील करने की है
विज्ञापन
अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनी Google को बड़ा झटका लगा है। अमेरिका के एक कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि गूगल ने एंटी-ट्रस्ट कानून का उल्लंघन किया है। दुनिया का डिफॉल्ट सर्च इंजन बनने के लिए इसने अरबों डॉलर खर्च किए हैं और इंटरनेट सर्च में गैर कानूनी मोनोपॉली बनाई है। बड़ी टेक कंपनियों के मार्केट पर दबदबे के खिलाफ फेडरल अथॉरिटीज की यह पहली बड़ी जीत है। 

इस फैसले से गूगल के कामकाज में बड़े बदलाव को तय करने के लिए दूसरे मुकदमे का रास्ता खुल गया है। अमेरिका में वॉशिंगटन के डिस्ट्रिक्ट जज Amit Mehta ने अपने फैसले में कहा, "कोर्ट इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि गूगल की ओर से मोनोपॉली की जाती है।" हालांकि, डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ अपील की जा सकती है। इससे गूगल को चलाने वाली कंपनी Alphabet के शेयर में लगभग 4.5 प्रतिशत की गिरावट हुई। पिछले वर्ष Alphabet की कुल सेल्स में गूगल को एडवर्टाइजिंग से मिलने वाले रेवेन्यू का 77 प्रतिशत हिस्सा था। 

Alphabet ने बताया कि उसकी योजना इस फैसले के खिलाफ अपील करने की है। गूगल ने एक स्टेटमेंट में कहा, "इस फैसले से यह पता चलता है कि गूगल बेस्ट सर्च इंजन की पेशकश करता है लेकिन इसका निष्कर्ष है कि हमें इसे आसानी से उपलब्ध कराने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए।" इस वर्ष की शुरुआत में iPhone बनाने वाली Apple के खिलाफ स्मार्टफोन मार्केट में गलत तरीके से मोनोपॉली बनाने के आरोप में अमेरिका में कानूनी मामला दर्ज हुआ था। यह मामला अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस की ओर से दाखिल किया गया गया था। 

अमेरिकी सरकार ने बड़ी टेक कंपनियों पर शिकंजा कसा है। इससे पहले सोशल मीडिया साइट Facebook को कंट्रोल करने वाली Meta Platforms और ई-कॉमर्स कंपनी Amazon के खिलाफ भी कानूनी मामले दर्ज किए गए थे। एपल पर आरोप है कि यह अपने स्मार्टफोन्स पर मैसेजिंग ऐप्स और स्मार्टवॉचेज के चलने को मुश्किल बनाती है। इसके ऐप स्टोर की गेम्स के लिए स्ट्रीमिंग सर्विसेज से जुड़ी पॉलिसी से कॉम्पिटिटर्स को नुकसान हुआ है। कंपनी के खिलाफ यूरोप, दक्षिण कोरिया और जापान में भी बिजनेस करने के तरीकों को लेकर जांच हुई है। इसके अलावा Epic Games जैसे राइवल्स ने भी कंपनी को कोर्ट में खींचा था। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. FASTag के 365 दिन वाले एनुअल पास की धूम, पहले दिन बिके 1.4 लाख पास
  2. Infinix HOT 60i 5G vs iQOO Z10 Lite 5G vs Moto G45 5G: 10 हजार में कौन सा फोन है बेस्ट
  3. 50MP कैमरा, 6000mAh बैटरी वाले OnePlus फोन पर बंपर डिस्काउंट, जानें पूरी डील
  4. Google Pay, PhonePe, Paytm यूजर्स के लिए बड़ी खबर, 1 अक्टूबर से नहीं काम करेगा UPI का ये फीचर
  5. ये हैं टॉप 50 इंच स्मार्ट टीवी, LG से लेकर Acer और Xiaomi टीवी पर डिस्काउंट
  6. अब 15 मिनट पहले भी मिल जाएगी Vande Bharat की टिकट! जानें बुकिंग करने का पूरा प्रोसेस
  7. Vivo ने लॉन्च किया G3 5G, MediaTek Dimensity 6300 चिपसेट, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  8. Infinix Hot 60i 5G भारत में हुआ लॉन्च, 6,000 mAh की बैटरी
  9. 20 हजार वाले Samsung Galaxy A35 5G, Vivo T4 5G और Moto G96 5G जैसे स्मार्टफोन्स पर जबरदस्त डील
  10. Ola Electric ने लॉन्च किया S1 Pro Sport, जानें प्राइस, रेंज
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »