पिछले कुछ वर्षों में देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) की बिक्री तेजी से बढ़ी है। यह मार्केट 2030 तक बढ़कर एक करोड़ यूनिट्स सालाना का हो सकता है। इससे लगभग पांच करोड़ डायरेक्ट और इनडायरेक्ट जॉब्स मिलने की संभावना है। इकोनॉमिक सर्वे में बताया गया है कि दिसंबर में सेल्स के लिहाज से जापान और जर्मनी को पीछे छोड़कर दुनिया में भारत तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल मार्केट बन गया।
इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार, "ग्रीन एनर्जी की ओर बढ़ने में ऑटोमोटिव इंडस्ट्री एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। देश का EV मार्केट 2022 से 2030 के बीच लगभग 49 प्रतिशत के कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) से बढ़ने का अनुमान है। यह 2030 तक एक करोड़ यूनिट्स तक पहुंच सकता है। पिछले वर्ष यह लगभग 10 लाख यूनिट्स का था।" इस इंडस्ट्री से 2030 तक लगभग पांच करोड़ डायरेक्ट और इनडायरेक्ट जॉब्स बन सकती हैं।
EV से जुड़ी इंडस्ट्री को मदद देने के लिए केंद्र सरकार ने कई उपाय किए हैं। 2021 में दुनिया में भारत टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर का सबसे बड़ा और पैसेंजर कारों का चौथा सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरर था।
देश के कुल GDP में ऑटोमोबाइल सेक्टर की हिस्सेदारी 7.1 प्रतिशत और मैन्युफैक्चरिंग GDP में लगभग 49 प्रतिशत की है। इस सेक्टर में 2021 के अंत तक लगभग 3.7 करोड़ लोगों को डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रोजगार मिला था। EV सेगमेंट में
टाटा मोटर्स सबसे बड़ी कंपनी है। पिछले वर्ष के अंत में Tata Motors ने 50,000 इलेक्ट्रिक कारों की डिलीवरी की उपलब्धि हासिल की थी। देश में EV की बिक्री तेजी से बढ़ रही है। कार्बन इमिशन को कम करने और फ्यूल के इम्पोर्ट को घटाने के लिए केंद्र सरकार ने EV को बढ़ावा देने के उपाय किए हैं। बहुत सी राज्य सरकारें भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की खरीदारी पर लोगों को सब्सिडी दे रही हैं। टाटा मोटर्स तीन इलेक्ट्रिक कारों, Tiago EV, Tigor EV and Nexon EV की बिक्री करती है।
Tata Group की योजना भारत और यूरोप में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) के लिए बैटरी सेल प्लांट्स लगाने की है। टाटा ग्रुप की ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स ने देश में 50,000 से अधिक इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री की है। इसकी योजना मार्च 2026 तक 10 EV लॉन्च करने की है। टाटा मोटर्स को उम्मीद है कि 2025 तक इसकी कुल बिक्री में EV की हिस्सेदारी लगभग 25 प्रतिशत की होगी। यह आंकड़ा अभी लगभग आठ प्रतिशत का है।