देश में पायरेसी का फैला जाल, 224 अरब रुपये पर पहुंचा कारोबार

अवैध कंटेंट के लिए स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स बड़ा सोर्स हैं। पायरेटेड कंटेंट में इनकी हिस्सेदारी लगभग 63 प्रतिशत की है

देश में पायरेसी का फैला जाल, 224 अरब रुपये पर पहुंचा कारोबार

पायरेटेड कंटेंट की डिमांड तेजी से बढ़ रही है

ख़ास बातें
  • एंटरटेनमेंट और मीडिया इंडस्ट्री के लिए यह एक बड़ी चिंता है
  • इस समस्या से निपटने के लिए किए गए उपाय नाकाम दिख रहे हैं
  • पायरेटेड कंटेंट का इस्तेमाल करने वालों में युवाओं की बड़ी संख्या है
विज्ञापन
पिछले कुछ वर्षों में पायरेसी की समस्या तेजी से बढ़ी है। इसमें मूवीज की पायरेसी की एक बड़ी हिस्सेदारी है। एंटरटेनमेंट और मीडिया इंडस्ट्री के लिए यह एक बड़ी चिंता है। पायरेसी से इस इंडस्ट्री को बिजनेस का बड़ा नुकसान हो रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए किए गए उपाय नाकाम दिख रहे हैं। 

कंसल्टेंसी फर्म EY और इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष पायरेसी का कारोबार बढ़कर लगभग 224 अरब रुपये पर पहुंच गया। इसमें लगभग 137 अरब रुपये पायरेटेड मूवी थिएटर कंटेंट और 87 अरब रुपये अवैध OTT प्लेटफॉर्म कंटेंट से मिले थे। पायरेटेड कंटेंट की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। अवैध कंटेंट के लिए स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स बड़ा सोर्स हैं। पायरेटेड कंटेंट में इनकी हिस्सेदारी लगभग 63 प्रतिशत की है। इसके बाद मोबाइल ऐप्स (लगभग 16 प्रतिशत) और टॉरेंट और सोशल मीडिया (लगभग 21 प्रतिशत) हैं। 

देश में मीडिया के कंज्यूमर्स में से लगभग 51 प्रतिशत पायरेटेड सोर्सेज का इस्तेमाल कर रहे हैं। इनमें से 75 प्रतिशत से अधिक 19-34 आयु वर्ग में हैं। आमतौर पर, पुरुषों को पुरानी फिल्में और महिलाओं को OTT कंटेंट अधिक पसंद आता है। हिंदी और इंग्लिश पायरेसी के लिहाज से दो सबसे बड़ी भाषाएं हैं। इनकी पायरेटेड कंटेंट में क्रमशः 40 प्रतिशत और 31 प्रतिशत हिस्सेदारी है। पायरेटेड कंटेंट का इस्तेमाल बढ़ने के पीछे बहुत से कारण हैं। इनमें सब्सक्रिप्शन फीस अधिक होना, कई एकाउंट्स को संभालने की मुश्किल और विशेष कंटेंट का ऑनलाइन उपलब्ध न होना बड़े कारण हैं। बहुत से लोग मूवी टिकटों या OTT सर्विसेज के लिए भुगतान करने से बचने के लिए भी पायरेटेड कंटेंट को पसंद करते हैं। 

IAMAI की डिजिटल एंटरटेनमेंट कमेटी के चेयरमैन, Rohit Jain ने चेतावनी दी कि देश की एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के लिए संभावनाओं को पायरेसी से नुकसान हो रहा है। EY की फॉरेंसिक एंड इंटीग्रिटी सर्विसेज के पार्टनर, Mukul Shrivastava ने पायरेसी से निपटने के लिए कड़े प्रवर्तन और तकनीकी समाधानों को लागू करने की जरूरत बताई। उन्होंने इस इंडस्ट्री के स्टेकहोल्डर्स से इस लड़ाई में एकजुट होने को भी कहा है। पायरेटेड कंटेंट के बड़े हिस्से की खपत टियर दो शहरों में होती है। इसके पीछे आमदनी कम होना और वैध कंटेंट तक सीमित पहुंच प्रमुख कारण हैं। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

गैजेट्स 360 स्टाफ

द रेजिडेंट बोट । अगर आप मुझे ईमेल करते हैं, तो कोई इंसान जवाब ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Samsung की ट्राई-फोल्ड स्मार्टफोन लॉन्च करने की तैयारी, 9.96 इंच हो सकता है अनफोल्डेड डिस्प्ले
  2. टीम इंडिया की टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए बिड नहीं दे सकेंगी क्रिप्टो, रियल मनी गेमिंग फर्में, BCCI ने दी जानकारी
  3. Netflix वाला झटका अब YouTube पर! ये नियम तोड़ा तो एक्सेस बंद!
  4. Elon Musk की टेस्ला को भारत में मिला ठंडा रिस्पॉन्स, लॉन्च के बाद से सिर्फ 600 EV के मिले ऑर्डर
  5. OnePlus 15 में हो सकता है कंपनी का प्रॉपराइटरी कैमरा
  6. Pixel 10a खरीदने का इंतजार? नहीं मिलेंगे लेटेस्ट प्रोसेसर और ये जरूरी फीचर्स!
  7. Amazon Great Indian Festival Sale 2025: इन स्मार्टफोन, लैपटॉप, गैजेट्स को डाल लें विशलिस्ट में, मिलेगा भारी डिस्काउंट!
  8. Realme का 10,000mAh की बैटरी वाला स्मार्टफोन जल्द होगा लॉन्च
  9. 2.5 अरब यूजर्स का डेटा ‘खतरे’ में? Google ने इस दावे पर बताया सच!
  10. IT हब बेंगलुरु में खुला Apple का पहला स्टोर, अगले सप्ताह लॉन्च होगी नई आईफोन सीरीज
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »