अमेरिकी की स्ट्रीमिंग कंपनी Netflix के देश में कारोबारी तरीकों की जांच की जा रही है। इस जांच के दायरे में वीजा के उल्लंघन और भेदभाव के आरोप शामिल हैं। इस बारे में होम मिनिस्ट्री के अधिकारी ने 20 जुलाई को देश में Netflix की बिजनेस और लीगल डिविजन की पूर्व डायरेक्टर को ईमेल भेजी थी।
Reuters ने यह ईमेल देखी है।
नेटफ्लिक्स की पूर्व डायरेक्टर, Nandini Mehta को यह ईमेल होम मिनिस्ट्री के फॉरनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (FRRO) के अधिकारी, Deepak Yadav की ओर से भेजी गई थी। हालांकि, मेहता ने चार वर्ष पहले
कंपनी को छोड़ दिया था। मेहता को भेजी गई इस ईमेल में यादव ने लिखा है, "यह देश में नेटफ्लिक्स के कारोबारी तरीकों से जुड़े वीजा और टैक्स के उल्लंघनों के बारे में है। हमें इस बारे में विवरण मिले हैं। इसमें देश में गलत कारोबारी तरीकों में जातीय भेदभाव के मामले भी शामिल हैं।"
इस बारे में मेहता ने ईमेल से दिए एक स्टेटमेंट में कहा कि उन्होंने कथित तौर पर गलत तरीके से बर्खास्तगी के साथ ही जातीय और लैंगिक भेदभाव के लिए अमेरिका में नेटफ्लिक्स के खिलाफ कानूनी मामला दायर किया है। मेहता ने कहा कि वह देश में जांच का स्वागत करती हैं और उन्हें उम्मीद है कि अथॉरिटीज अपने निष्कर्षों को सार्वजनिक करेंगी। हालांकि, सरकार की ओर से लगाए गए आरोपों के बारे में उन्होंने अधिक जानकारी नहीं दी है। इस बारे में यादव ने टिप्पणी करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि वह मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत नहीं हैं। इस बारे में Reuters की ओर से भेजे गए प्रश्नों का होम मिनिस्ट्री और FRRO ने उत्तर नहीं दिया।
नेटफ्लिक्स के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी को केंद्र सरकार की ओर से की जा रही जांच की जानकारी नहीं है। देश में नेटफ्लिक्स के पास लगभग एक करोड़ यूजर्स हैं। पिछले कुछ वर्षों में इसने बॉलीवुड एक्टर्स के साथ लोकल कंटेंट को बढ़ाया है। हालांकि, नेटफ्लिक्स को अपने कंटेंट को लेकर अक्सर निंदा का भी सामना करना पड़ता है। हाल ही में इसे एक विमान अपहरण पर बनी सीरीज को लेकर सोशल मीडिया पर विरोध और सरकार की नाराजगी के बाद इसमें नए डिस्क्लेमर जोड़ने पड़े थे। पिछले वर्ष नेटफ्लिक्स को टैक्स डिमांड का एक नोटिस भी भेजा गया था।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)