अमेरिकी इलेक्ट्रिक व्हीकल ( EV) मेकर Tesla के भारत में लॉन्च की घोषणा जनवरी में की जा सकती है। Vibrant Gujarat Summit के दौरान कंपनी की ओर से बिजनेस को शुरू करने की जानकारी देने की संभावना है। गुजरात सरकार ने बताया है कि इसकी फैक्टरी के लिए राज्य के साणंद को चुना जा सकता है।
गुजरात के हेल्थ मिनिस्टर Rushikesh Patel ने कहा कि फैक्टरी के लिए जमीन को लेकर
टेस्ला की राज्य सरकार के साथ बातचीत अंतिम दौर में है। उनका कहना था कि राज्य सरकार को उम्मीद है कि टेस्ला के CEO, Elon Musk अपनी फैक्टरी के लिए गुजरात को चुनेंगे। उन्होंने बताया, "एलन मस्क भी गुजरात को पहले विकल्प के तौर पर देख रहे हैं। हम निश्चित तौर पर इसका स्वागत करेंगे और सभी जरूरी मदद उपलब्ध कराएंगे।"
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था कि कंपनी की फैक्टरी गुजरात के साणंद में लगाई जा सकती है। देश की सबसे बड़ी कार मेकर Maruti Suzuki और Tata Motors के भी साणंद में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं। महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे कुछ अन्य राज्य भी कंपनी को फैक्टरी लगाने के लिए निमंत्रण दे रहे हैं। टेस्ला की इलेक्ट्रिक कारों की देश में बिक्री नहीं होती। इसका बड़ा कारण अधिक इम्पोर्ट ड्यूटी है। हालांकि, मस्क यह कह चुके हैं कि देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए काफी संभावना है।
हाल ही में केंद्र सरकार ने बताया था कि देश में
EV के इम्पोर्ट पर टैक्स में छूट देने के किसी प्रपोजल पर विचार नहीं किया जा रहा। टेस्ला ने देश में अपनी इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री शुरू करने के लिए सरकार से इम्पोर्ट टैक्स में छूट देने की मांग की थी। टेस्ला और अन्य विदेशी कार मेकर्स को लोकल कंपोनेंट्स से वैल्यू एडिशन को लेकर और इम्पोर्ट टैक्स में सब्सिडी से जुड़े एक प्रश्न पर, मिनिस्टर ऑफ स्टेट फॉर कॉमर्स एंड इंडस्ट्री Som Parkash ने कहा था कि ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट इंडस्ट्री के लिए सरकार ने 25,938 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन के साथ एक प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम की घोषणा की थी। उनका कहना था कि इसका उद्देश्य EV सहित एडवांस्ड ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी वाले प्रोडक्ट्स की देश में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देना है। EV के इम्पोर्ट पर टैक्स में सब्सिडी देने का कोई प्रपोजल नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में EV की बिक्री तेजी से बढ़ी है।