अमेरिकी इलेक्ट्रिक व्हीकल ( EV) मेकर Tesla की वार्षिक सेल्स एक दशक से अधिक में पहली बार घटी है। चौथी तिमाही में रिकॉर्ड डिलीवरी करने के बावजूद टेस्ला की सेल्स में कमी हुई है। बिलिनेयर Elon Musk की कंपनी ने पिछले वर्ष लगभग 17.9 लाख व्हीकल्स बेचे हैं।
EV कंपनियों के लिए चुनौतियां बढ़ रही हैं। डिमांड कम होने से इनकी सेल्स पर असर पड़ रहा है। अमेरिका में Donald Trump की अगुवाई आगामी सरकार
EV पर सब्सिडी को घटा सकती है। इससे इस सेगमेंट में डिमांड पर बड़ा असर हो सकता है। हालांकि, ट्रंप की सरकार में मस्क को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। ट्रंप के चुनाव प्रचार में भी मस्क ने योगदान दिया था। इसका टेस्ला के शेयर को फायदा मिला है। पिछले कुछ सप्ताह में कंपनी का शेयर तेजी से बढ़ा है। Tesla जल्द भारत में अपना बिजनेस शुरू कर सकती है। हाल ही में एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि कंपनी ने दिल्ली में शोरूम की जगह की तलाश दोबारा शुरू कर दी है। देश में पिछले कुछ वर्षों में EV की बिक्री तेजी से बढ़ी है।
टेस्ला ने चौथी तिमाही में लगभग 4,95,570 व्हीकल्स की डिलीवरी की है। एनालिस्ट्स ने यह आंकड़ा 5,12,200 यूनिट्स से अधिक रहने का पूर्वानुमान दिया था। पिछले वर्ष कंपनी ने अपनी वर्कफोर्स को लगभग 10 प्रतिशत घटाया था। टेस्ला की राइवल
BYD ने पिछले वर्ष सेल्स का रिकॉर्ड बनाया है। चीन की इस कंपनी ने लगभग 42.5 लाख यूनिट्स की सेल्स की है। EV के इंटरनेशनल मार्केट में टेस्ला को BYD से कड़ी टक्कर मिल रही है। दिसंबर में BYD ने मासिक सेल्स का रिकॉर्ड बनाया है। इसके पीछे सब्सिडी और कस्टमर्स को इंसेंटिव्स देना बड़े कारण हैं।
दिसंबर में BYD ने 5,09,440 यूनिट्स की बिक्री की है। इसमें 2,07,734 EV शामिल हैं। पिछले वर्ष कंपनी की EV की कुल सेल्स लगभग 17.6 लाख यूनिट्स की रही है। कंपनी की वार्षिक सेल्स में वर्ष-दर-वर्ष आधार पर लगभग 41 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। पिछले वर्ष तिमाही सेल्स में टेस्ला से BYD पीछे रही है। हालांकि, चौथी तिमाही में इसकी सेल्स तेजी से बढ़ने के कारण टेस्ला से इसका अंतर कम हुआ है। BYD के पोर्टफोलियो में Atto 3, e6 और Seal जैसे मॉडल शामिल हैं।