अमेरिकी इलेक्ट्रिक व्हीकल ( EV) मेकर Tesla के चीफ एग्जिक्यूटिव, Elon Musk ने रविवार को चीन का विजिट किया। टेस्ला के लिए चीन दूसरा सबसे बड़ा मार्केट है। पिछले सप्ताह मस्क ने भारत का अपना विजिट कैंसल कर दिया था। उन्होंने बताया था कि टेस्ला से जुड़ी जिम्मेदारियां अधिक होने के कारण उन्होंने यह ट्रिप कैंसल किया है और वह जल्द भारत जाने का इंतजार कर रहे हैं।
चीन में मस्क सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मीटिंग कर सकते हैं। इस मीटिंग में वह फुल सेल्फ ड्राइविंग (FSD) सॉफ्टवेयर को चीन में स्वीकृति मिलने पर विचार-विमर्श करेंगे। इसके अलावा वह चीन में एकत्र डेटा को कंपनी की ऑटोनॉमस ड्राइविंग टेक्नोलॉजी के लिए एल्गोरिद्म को ट्रेनिंग देने के उद्देश् से ट्रांसफर करने की अनुमति मांगेंगे। चीन के रेगुलेटर्स की शर्त के तहत
टेस्ला ने पिछले तीन वर्ष से एकत्र किए गए सभी डेटा को स्टोर किया है और इसे अमेरिका ट्रांसफर नहीं किया गया। कंपनी ने लगभग चार वर्ष पहले अपने ऑटोनॉमस सॉफ्टवेयर का सबसे ऑटोनॉमस वर्जन पेश किया था। हालांकि, इसे चीन में उपलब्ध नहीं कराया गया था।
इस बारे में टिप्पणी के लिए संपर्क करने पर टेस्ला ने उत्तर नहीं दिया। मौजूदा वर्ष की पहली तिमाही में कंपनी के प्रॉफिट और रेवेन्यू में भारी कमी हुई है। पहली तिमाही में कंपनी का प्रॉफिट वर्ष-दर-वर्ष आधार पर लगभग 55 प्रतिशत कम होकर लगभग 1.1 अरब डॉलर और रेवेन्यू नौ प्रतिशत घटकर लगभग 21.3 अरब डॉलर का रहा। पिछले कई महीनों से टेस्ला को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसकी सेल्स में कमी हो रही है। इसने अपनी वर्कफोर्स को भी घटाने का फैसला किया है। कंपनी के इनवेस्टर्स को उम्मीद है कि अगले वर्ष यह एक अफोर्डेबल इलेक्ट्रिक कार लॉन्च करेगी। इससे कंपनी की सेल्स में बढ़ोतरी हो सकती है। हाल ही में
कंपनी ने अमेरिका में अपने कुछ मॉडल्स के प्राइसेज को 2,000 डॉलर तक घटाया था। पहली तिमाही में टेस्ला की डिलीवरी लगभग 8.5 प्रतिशत कम रही है।
भारत में टेस्ला के अलावा मस्क अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस उपलब्ध कराने वाली कंपनी Starlink के लिए भी देश में बिजनेस शुरू करने की अनुमति मांग रहे हैं। इस बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया था कि केंद्र सरकार ने स्टारलिंक को इस वर्ष की तीसरी तिमाही तक यह अनुमति मिलने का आश्वासन दिया है।