Reliance की EV इंडस्ट्री में जाने की तैयारी, पेश की मल्टीपर्पज बैट्रीज

रिलायंस ने EV के लिए रिमूवेबल और स्वैपेबल बैट्रीज पेश की हैं जिनका इस्तेमाल घरों में इस्तेमाल होने वाले एप्लायंसेज को एक इन्वर्टर के जरिए चलाने के लिए भी किया जा सकता है

Reliance की EV इंडस्ट्री में जाने की तैयारी, पेश की मल्टीपर्पज बैट्रीज

देश में EV की बिक्री तेजी से बढ़ रही है

ख़ास बातें
  • कंपनी क्लीन एनर्जी में बड़ा इनवेस्टमेंट करने की योजना बना रही है
  • रिलायंस का लक्ष्य अपने पेट्रोलियम बिजनेस पर निर्भरता कम करना है
  • केंद्र सरकार ने EV को बढ़ावा देने के उपाय किए हैं
विज्ञापन
टेलीकॉम से लेकर पेट्रोलियम तक के बिजनेस से जुड़ी Reliance Industries ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) के लिए स्वैपेबल और मल्टीपर्पज बैटरी स्टोरेज टेक्नोलॉजी पेश की है। बिलिनेयर Mukesh Ambani की अगुवाई वाली यह कंपनी क्लीन एनर्जी में बड़ा इनवेस्टमेंट करने की योजना बना रही है। 

रिलायंस ने EV के लिए रिमूवेबल और स्वैपेबल बैट्रीज पेश की हैं जिनका इस्तेमाल घरों में इस्तेमाल होने वाले एप्लायंसेज को एक इन्वर्टर के जरिए चलाने के लिए भी किया जा सकता है। रिन्यूएबल एनर्जी पर एक एग्जिबिशन में कंपनी के एग्जिक्यूटिव्स ने बताया कि इससे एक बैटरी का इस्तेमाल मोबिलिटी के साथ ही घर पर एप्लायंसेज चलाने के लिए भी हो सकेगा। इन बैट्रीज को रिलायंस के बैटरी स्वाप स्टेशंस पर स्वाप किया जा सकेगा या घरों में रूफटॉप सोलर पैनल के इस्तेमाल ये दोबारा चार्ज हो सकेंगी। हालांकि, यह पता नहीं चला है कि कंपनी की योजना कब तक इन बैट्रीज की बिक्री शुरू करने की है। 

कंपनी के क्लीन एनर्जी से जुड़े प्रोजेक्ट्स में 10 अरब डॉलर का इनवेस्टमेंट करने की योजना में बैटरी स्टोरेज सॉल्यूशंस भी शामिल है। रिलायंस का लक्ष्य अपने पेट्रोलियम बिजनेस पर निर्भरता कम करना है। इसके लिए रिलायंस ने दो बैटरी कंपनियों को लगभग 20 करोड़ डॉलर में खरीदा था। इनमें ब्रिटेन की Faradion और Lithium Werks शामिल है। देश में बैटरी सेल प्रोडक्शन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की 2.4 अरब डॉलर की योजना के तहत पिछले वर्ष रिलायंस ने 5 गीगावॉट आवर्स (GWh) का बैटरी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने का इंसेंटिव हासिल किया था। यह प्लांट 2026 तक लगाया जाएगा और इसमें बैट्रीज और कंटेनराइज्ड एनर्जी स्टोरेज सॉल्यूशंस बनाए जाएंगे। 

देश में EV की बिक्री तेजी से बढ़ रही है। कार्बन इमिशन को कम करने और फ्यूल के इम्पोर्ट को घटाने के लिए केंद्र सरकार ने EV को बढ़ावा देने के उपाय किए हैं। बहुत सी राज्य सरकारें भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की खरीदारी पर लोगों को सब्सिडी उपलब्ध करा रही हैं। इस वर्ष के इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार, देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का मार्केट 2030 तक बढ़कर एक करोड़ यूनिट्स सालाना का हो सकता है। इससे लगभग पांच करोड़ डायरेक्ट और इनडायरेक्ट जॉब्स मिलने का अनुमान है। इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया था कि ग्रीन एनर्जी की ओर बढ़ने में ऑटोमोटिव इंडस्ट्री एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। यह मार्केट 2022 से 2030 के बीच लगभग 49 प्रतिशत के कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) से बढ़ने का अनुमान है। 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Samsung ने लॉन्च किया दुनिया का पहला 500Hz गेमिंग मॉनिटर! इतनी रखी है कीमत
  2. Huawei जल्द लॉन्च करेगी Nova 14 सीरीज, शामिल होगा नया Ultra वेरिएंट
  3. Samsung Galaxy S25 Edge की भारत में कीमत अनाउंस, 256GB प्री-ऑर्डर करने पर मिलेगा 512GB स्टोरेज मॉडल!
  4. पाकिस्तान से भारतीय वेबसाइट्स पर 15 लाख हमले, सिर्फ 150 सफल, जानें पूरा मामला
  5. Ray-Ban Meta Smart Glasses भारत में लॉन्च, चश्मे से कर पाएंगे मोबाइल और कैमरे के काम
  6. Motorola ने भारत में लॉन्च किया Razr 60 Ultra, 4 इंच कवर डिस्प्ले, जानें स्पेसिफिकेशंस
  7. 48MP कैमरा, 5000mAh बैटरी के साथ Sony Xperia 1 VII लॉन्च, जानें फीचर्स और कीमत
  8. CBSE Result 2025: अब DigiLocker पर मिलेगी मार्कशीट, जानें तरीका
  9. Samsung Galaxy S25 Edge vs Google Pixel 9 Pro: फीचर्स में हुआ मुकाबला, जानें कौन है बेस्ट
  10. क्रिप्टो मार्केट में प्रॉफिट बुकिंग, बिटकॉइन का प्राइस घटकर 1,03,400 डॉलर
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »