क्रिप्टो सेगमेंट में बढ़ी रिटेल इनवेस्टर्स की दिलचस्पी, फ्रॉड के मामलों का पड़ रहा असर

युवा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए क्रिप्टो सेगमेंट में इनवेस्टमेंट से जुड़ी जानकारी का बड़ा जरिया गैर-अधिकृत और संदिग्थ सोर्स हैं। इससे वित्तीय नुकसान होने की आशंका है

क्रिप्टो सेगमेंट में बढ़ी रिटेल इनवेस्टर्स की दिलचस्पी, फ्रॉड के मामलों का पड़ रहा असर

पिछले वर्ष दक्षिणपूर्व एशिया में क्रिप्टो से जुड़े स्कैम से लगभग 37 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है

ख़ास बातें
  • पिछले कुछ महीनों में क्रिप्टो से जुड़े स्कैम के मामले तेजी से बढ़े हैं
  • UNODC ने बिना लाइसेंस वाली क्रिप्टो फर्मों पर पेनल्टी लगाने को कहा है
  • कुछ देशों में इस सेगमेंट के लिए रूल्स बनाए जा रहे हैं
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पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टोकरेंसीज में रिटेल इनवेस्टर्स की दिलचस्पी बढ़ी है। हालांकि, इस सेगमेंट में वोलैटिलिटी और स्कैम के मामलों से इन इनवेस्टर्स के लिए जोखिम भी बढ़ा है। पिछले कुछ महीनों में क्रिप्टो से जुड़े स्कैम के मामले तेजी से बढ़े हैं और इनमें इनवेस्टर्स और इस सेगमेंट से जुड़ी फर्मों को बड़ा नुकसान हुआ है। 

इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ सिक्योरिटीज कमीशंस (IOSCO के बोर्ड की ओर से जारी की गई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि 2022 में क्रिप्टो सेगमेंट का वैल्यूएशन एक लाख करोड़ डॉलर से कम होने पर भी रिटेल इनवेस्टर्स की इस सेगमेंट में दिचलस्पी बरकरार है। यह ट्रेंड विकसित देशों के साथ ही इमर्जिंग मार्केट्स में भी दिख रहा है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि युवा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए इनवेस्टमेंट से जुड़ी जानकारी का बड़ा जरिया गैर-अधिकृत और संदिग्थ सोर्स हैं। इससे वित्तीय नुकसान होने की आशंका है। 

क्रिप्टो सेगमेंट में फ्रॉड के मामलों पर रोक लगाने के लिए यूनाइटेड नेशंस ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम (UNODC) ने बिना लाइसेंस वाली क्रिप्टो फर्मों पर पेनल्टी लगाने का सुझाव दिया है। UNODC का अनुमान है कि पिछले वर्ष दक्षिणपूर्व एशिया में क्रिप्टो से जुड़े स्कैम से लगभग 37 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। इन स्कैम में सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल किया जाता है। दक्षिणपूर्व एशिया के देशों की सरकारों को UNODC ने अधिक सतर्कता बरतनेऔर क्रिप्टो से जुड़े फ्रॉड के मामलों को रोकने के उपाय करने की सलाह दी है। हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने मिनिस्ट्री ऑफ कम्युनिकेशंस को एक क्रिप्टो फर्म की नकल वाली 38 वेबसाइट्स को हटाने का ऑर्डर दिया था।क्रिप्टो फर्म Mudrex ने हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर जाली वेबसाइट्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। Mudrex के यूजर्स ने इन वेबसाइट्स के जरिए स्कैम किए जाने की जानकारी दी थी। 

दिल्ली हाई कोर्ट के पोर्टल पर 23 अगस्त को पब्लिश किए गए ऑर्डर में जस्टिस Mini Pushkarna ने मिनिस्ट्री ऑफ कम्युनिकेशंस को इन वेबसाइट्स को हटाने को कहा था। Mudrex ने जाली वेबसाइट्स के उसके नाम और अन्य निशानों का इस्तेमाल कर यूजर्स को फंसाने का प्रमाण दिया था। इस याचिका में बताया गया था कि Mudrex को इन स्कैम का शिकार हुए कई लोगों से शिकायतें मिली हैं। इस याचिका में कहा गया था कि इन जाली वेबसाइट्स का बहुत से कस्टमर्स शिकार हुए हैं और उन्हें बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। 
 

भारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

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