सरकार के क्रिप्टो बिल लाने में देरी का कारण हो सकता है RBI

RBI के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने कहा कि इस मुद्दे पर आगे बढ़ने में जल्दबाजी नहीं होगी क्योंकि इससे मॉनेटरी पॉलिसी बनाने, एनर्जी की खपत और प्राइवेसी से जुड़े आशंकाएं हैं

सरकार के क्रिप्टो बिल लाने में देरी का कारण हो सकता है RBI

RBI का मानना है कि क्रिप्टोकरंसीज पर पूरी तरह बैन लगाया जाना चाहिए

ख़ास बातें
  • सरकार की क्रिप्टोकरंसीज पर संसद में एक बिल लाने की योजना थी
  • RBI का मानना है कि क्रिप्टोकरंसीज से वित्तीय स्थिरता को खतरा हो सकता है
  • RBI की ओर से एक डिजिटल करंसी जारी की जाएगी
विज्ञापन
क्रिप्टोकरंसीज पर सरकार के प्रस्तावित कानून में देरी का कारण रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) का इसे लेकर नजरिया हो सकता है। RBI के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने कहा कि इस मुद्दे पर आगे बढ़ने में जल्दबाजी नहीं होगी क्योंकि इससे मॉनेटरी पॉलिसी बनाने, एनर्जी की खपत और प्राइवेसी से जुड़े आशंकाएं हैं। 

उन्होंने कहा कि बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी (CBDC) को फाइनेंशियल ईयर 2023 में शुरू करने की घोषणा को लागू किया जाएगा। सरकार की बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरंसीज पर संसद के पिछले शीतकालीन सत्र में एक बिल प्रस्तुत करने की योजना थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पात्रा का कहना था, "क्रिप्टोकरंसीज पर RBI का नजरिया स्पष्ट है। मुझे लगता है कि इसी वजह से बिल में देरी हुई है। हम इस मुद्दे पर एक निष्पक्ष बहस करेंगे और इसमें सभी पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा।" RBI का मानना है कि क्रिप्टोकरंसीज पर पूरी तरह बैन लगाया जाना चाहिए क्योंकि इनके साथ कोई वैल्यू नहीं जुड़ी। इसके अलावा ये वित्तीय स्थिरता के लिए भी एक खतरा हैं। 

CBDC पर पात्रा ने कहा कि ऐसा एक इंस्ट्रूमेंट पहले ही होलसेल सेगमेंट में मौजूद है लेकिन रिटेल के लिए इस पर काम करने की जरूरत है। उन्होंने बताया,  "इस पर बहुत धीरे आगे बढ़ा जाएगा क्योंकि मॉनेटरी पॉलिसी और प्राइवेसी से जुड़ी आशंकाएं हैं। इसके साथ ही अगर यह प्रोसेस एक विशेष टेक्नोलॉजी पर होता है तो एनर्जी की अधिक खपत की भी एक समस्या है।" उनका कहना था कि RBI इस मुद्दे पर संभलकर कदम उठाएगा।

हाल ही में RBI के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव ने CBDC को लेकर प्राइवेसी का जोखिम बताया था। इसका कारण इसकी एक यूनिट के पूरे मूवमेंट को ट्रैक करने का फीचर है। इसके लिए डेटा प्रोटेक्शन कानून जैसा कोई नियंत्रण भी नहीं है। उन्होंने कहा था, "RBI या सरकार को यह क्योंकि जानना चाहिए कि मैं प्रत्येक महीने कितनी आइसक्रीम खरीदता हूं या मुझे कौन से लग्जरी ब्रांड्स पसंद हैं। इस वजह से इसे लेकर कुछ मुश्किल है। मुझे लगता है कि CBDC के साथ मजबूत डेटा प्रोटेक्शन कानून होने चाहिए, जो देश और विदेश में लोगों के लिए साख रखते हों। CBDC को जारी करने में डेटा प्रोटेक्शन कानून बहुत महत्वपूर्ण हैं।" 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: Crypto, Regulation, Privacy, RBI, CBDC, Risk, Government
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Rs 5,000 में 5G फोन! 8 जुलाई को मार्केट में उतर रहा AI+, लॉन्च होंगे 2 स्मार्टफोन
  2. iPhone 17 में भी मिलेगा बड़ा डिस्प्ले और 120Hz रिफ्रेश रेट, लेकिन ये फीचर रहेगा गायब!
  3. 12GB RAM वाले स्मार्टफोन की है तलाश तो Realme P3 Ultra 5G, Poco F7 5G से लेकर iQOO Neo 10 जैसे 5 फोन रहेंगे बेस्ट
  4. Tata Motors की Harrier EV को Bharat NCAP क्रैश टेस्ट में मिले 5 स्टार्स
  5. Samsung के Galaxy Z Fold 7, Z Flip 7 के साथ पेश हो सकता है ट्रिपल-फोल्ड स्मार्टफोन
  6. BSNL की फ्लैश सेल में सिर्फ 1 रुपये में मिलेगा 1 GB डेटा
  7. Infinix ने लॉन्च किया Hot 60i, MediaTek Helio G81 Ultimate चिपसेट
  8. Tata Motors ने लॉन्च किया Harrier EV का Stealth Edition, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  9. Honor के Magic V5 में होगा 64 मेगापिक्सल पेरिस्कोप टेलीफोटो कैमरा, 2 जुलाई को लॉन्च
  10. iQOO Z10 Lite 5G vs Samsung Galaxy A06 5G vs Moto G45: 10 हजार में कौन सा है बेस्ट फोन
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »