डेटा की प्राइवेसी को सुरक्षित रखने के लिए नया बिल लाएगी सरकार

संसद के एक पैनल की ओर से पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल में कई संशोधनों का सुझाव देने के बाद सरकार ने पिछले महीने इस बिल को वापस ले लिया था

डेटा की प्राइवेसी को सुरक्षित रखने के लिए नया बिल लाएगी सरकार

केंद्र सरकार ने पिछले महीने विवादास्पद पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल वापस ले लिया था

ख़ास बातें
  • फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने कहा कि नए बिल से आशंकाओं का हल होगा
  • IT मिनिस्टर अश्विन वैष्णव इस बिल पर कार्य कर रहे हैं
  • पिछले कुछ वर्षों में देश में इंटरनेट के जरिए अपराध के मामले बढ़े हैं
विज्ञापन
देश में जल्द एक नया डेटा प्राइवेसी बिल लाया जाएगा। फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने बुधवार को बताया कि IT मिनिस्टर अश्विन वैष्णव इस बिल पर कार्य कर रहे हैं। सीतारमण का कहना था कि नए बिल से प्राइवेसी बिल को लेकर लोगों की आशंकाओं का समाधान होगा। 

केंद्र सरकार ने पिछले महीने विवादास्पद पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल वापस ले लिया था। सरकार ने कहा था कि वह एक नए कानून पर कार्य कर रही है। लगभग तीन वर्ष पहले लाए गए इस बिल में विदेश में डेटा भेजने को लेकर कड़े रेगुलेशंस का प्रस्ताव दिया गया था। इसके साथ ही कंपनियों से यूजर्स का डेटा मांगने की सरकार को शक्ति देने का भी सुझाव था। सीतारमण ने US-India Business Council की ओर से आयोजित समिट में बताया, "हम जल्द ही एक नया डेटा प्राइवेसी बिल लाएंगे। यह विचार-विमर्श के बाद तैयार किया जाएगा और इससे प्राइवेसी बिल को लेकर लोगों की आशंकाओं का समाधान होगा।" 

संसद के एक पैनल की ओर से पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल में कई संशोधनों का सुझाव देने के बाद सरकार ने पिछले महीने इस बिल को वापस ले लिया था। सरकार ने इससे पहले बताया था कि पैनल ने 99 सेक्शंस के बिल में 81 संशोधन करने का सुझाव दिया है। इस बिल से गूगल और फेसबुक जैसी बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों की चिंता बढ़ गई थी। इन कंपनियों का कहना था कि इससे उन पर कम्प्लायंस का बोझ और डेटा स्टोरेज की जरूरतें बढ़ जाएंगी। 

पिछले कुछ वर्षों में देश में इंटरनेट के जरिए अपराध के मामलों में तेजी आई है। पिछले वर्ष देश में इस तरह के मामलों की संख्या लगभग पांच प्रतिशत बढ़ी है। हालांकि, इनमें से केवल एक-तिहाई मामलों में ही चार्जशीट दाखिल की गई है। सायबरक्राइम के अधिकतर मामले फ्रॉड से जुड़े थे। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के डेटा से पता चलता है कि पिछले वर्ष सायबरक्राइम के 52,974 मामलों की रिपोर्ट मिली थी। इनमें से 70 प्रतिशत से अधिक असम, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से थे। हालांकि, इनमें से ककेवल 33.8 प्रतिशत मामलों में  चार्जशीट दाखिल की गई है। पिछले वर्ष सायबरक्राइम के कुल मामलों में से 60.8 प्रतिशत का कारण फ्रॉड था। वसूली और यौन उत्पीड़न के मामले क्रमशः 5.4 प्रतिशत और लगभग 8.6 प्रतिशत थे। तेलंगाना में इस तरह के मामलों की संख्या 10,303 के साथ सबसे अधिक थी। इसके बाद उत्तर प्रदेश में 8,829, कर्नाटक में 8,136 और महाराष्ट्र में 5,662 सायबरक्राइम के मामले दर्ज किए गए।  
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

नित्या पी नायर

नित्या पी नायर को डिज़िटल पत्रकारिता में पांच साल से अधिक का ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. WWDC 2025 : AirPods में मिलेगा कैमरा कंट्रोल और स्लीप डिटेक्शन फीचर!
  2. Android कंपनियों को देना होगा 5 साल तक अपडेट, नए नियम से भारतीयों को भी फायदा?
  3. 14 हजार रुपये गिरी 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी वाले Samsung स्मार्टफोन की कीमत
  4. फीचर फोन यूजर्स भी कर सकेंगे UPI पेमेंट्स, PhonePe जल्द लाएगा नया ऐप!
  5. Huawei Band 10 भारत में लॉन्च, AMOLED स्क्रीन और 14 दिन की बैटरी के साथ; जानें कीमत
  6. iQOO Z10 Lite 5G जल्द होगा भारत में लॉन्च, 6,000mAh की बैटरी
  7. Oppo की K13x 5G के लॉन्च की तैयारी, 6,000mAh हो सकती है बैटरी
  8. Google Chrome होगा अब तक सबसे तेज!, अब ज्यादा फास्ट होगा काम, बचेगा समय
  9. Elon Musk की Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को भारत की हरी झंडी!
  10. Fairphone 6 का डिजाइन और प्राइस लीक, मॉड्यूलर स्मार्टफोन जल्द हो सकता है लॉन्च
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »