क्रिप्टो इनवेस्टमेंट स्कैम्स में बढ़ोतरी, FBI ने दी चेतावनी

कुछ देशों में रेगुलेटर्स ने इस समस्या से निपटने के लिए क्रिप्टो सेगमेंट के लिए रूल्स बनाने की तैयारी की है

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Written by राधिका पाराशर, Edited by आकाश आनंद, अपडेटेड: 11 मार्च 2024 23:38 IST
ख़ास बातें
  • पिछले वर्ष इन स्कैम में 53 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है
  • इसमें अधिक रिटर्न मिलने का लालच दिया जाता है
  • भारत में भी क्रिप्टो से जुड़े फ्रॉड के मामलों में बढ़ोतरी हुई है

पिछले वर्ष क्रिप्टोकरेंसीज में इनवेस्टमेंट की आड़ में फ्रॉड बढ़कर 3.94 अरब डॉलर के थे

पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़े स्कैम के मामले बढ़े हैं। अमेरिका के फेडरल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन (FBI) ने बताया है कि पिछले वर्ष इन स्कैम में 53 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। कुछ देशों में रेगुलेटर्स ने इस समस्या से निपटने के लिए क्रिप्टो सेगमेंट के लिए रूल्स बनाने की तैयारी की है। 

FBI ने एक रिपोर्ट में बताया है कि पिछले वर्ष क्रिप्टोकरेंसीज में इनवेस्टमेंट की आड़ में फ्रॉड बढ़कर 3.94 अरब डॉलर के थे। इससे पिछले वर्ष में इन फ्रॉड में लोगों ने लगभग 2.57 अरब डॉलर की रकम गंवाई थी। इस तरह के स्कैम्स में जालसाज क्रिप्टो से जुड़े इनवेस्टमेंट की एडवाइज की पेशकश करते हैं और लोगों को जाली टोकन्स में रकम लगाने के लिए कहते हैं। इसमें अधिक रिटर्न मिलने का लालच दिया जाता है। आमतौर पर, इस स्कैम में लोगों को फंसाने के लिए Facebook और Twitter जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल किया जाता है। FBI ने बताया है कि पिछले वर्ष उसे फाइनेंशियल स्कैम की लगभग 8,80,400 शिकायतें मिली थी। इन स्कैम्स में लगभग 12.5 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था। 

अधिकतर क्रिप्टो स्कैम्स में चुराए गए फंड को क्रिप्टो प्लेटफॉर्म्स के पास रजिस्टर्ड कस्टोडियल एकाउंट्स के जरिए भेजा जाता है। FBI ने क्रिप्टो में इनवेस्टमेंट करने वाले लोगों से टू-फैक्टर ऑथराइजेशन को एनेबल करने के लिए कहा है जिससे उनके फंड्स को बिना उनकी अनुमति के अन्य एकाउंट्स में ट्रांसफर नहीं किया सके। 

भारत में भी क्रिप्टो से जुड़े फ्रॉड के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। हाल ही में इसी तरह के एक मामले में इसी तरह के एक मामले में एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने चीन के 10 लोगों सहित 299 फर्मों के खिलाफ एंटी मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत एक चार्जशीट दाखिल की थी। यह मामला Bitcoin जैसी क्रिप्टोकरेंसीज की माइनिंग की आड़ में लोगों को ठगने का है। ED ने बताया था कि नगालैंड में दीमापुर की एक विशेष अदालत ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत अभियोजन पक्ष की ओर से दाखिल की गई शिकायत का संज्ञान लिया है। इस मामले में चीन के कंट्रोल वाली 70 से अधिक फर्मों सहित 299 फर्मों को आरोपी बनाया गया है। इन फर्मों में से 10 के डायरेक्टर्स चीन के हैं। ED ने कोहिमा पुलिस की सायबर क्राइम यूनिट की ओर से दर्ज की गई एक FIR के बाद मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दाखिल किया था। 
 

ये भी पढ़ेंभारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

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