पिछले कुछ सप्ताह से क्रिप्टो मार्केट में वोलैटिलिटी है। अमेरिका में प्रेसिडेंट के चुनाव में Donald Trump की जीत के बाद मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में काफी तेजी आई थी। हाल ही में बिटकॉइन ने एक लाख डॉलर से अधिक का नया हाई बनाया था। हालांकि, सोमवार को क्रिप्टो मार्केट में गिरावट थी। इंटरनेशनल क्रिप्टो एक्सचेंज Binance पर बिटकॉइन का प्राइस लगभग एक प्रतिशत घटकर 98,360 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था।
दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether में लगभग 2,61 प्रतिशत का नुकसान था। इसका प्राइस लगभग 3,861 डॉलर पर था। इसके अलावा Solana में लगभग चार प्रतिशत और XRP में पांच प्रतिशत से अधिक की गिरावट थी। भारत के पड़ोसी देश भूटान की सरकार ने 400 से अधिक बिटकॉइन QCP Capital को ट्रांसफर किए हैं। इस ट्रांजैक्शन की वैल्यू लगभग चार करोड़ डॉलर की है। इससे भूटान के क्रिप्टो सेगमेंट में निवेश करने का पता चल रहा है।
मौजूदा वर्ष में बिटकॉइन का प्राइस दोगुना हुआ है। ट्रंप की जीत के बाद से
बिटकॉइन में लगभग 45 प्रतिशत की तेजी आई है। हाल ही में इस सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी ने 1,03,000 से अधिक का नया हाई लेवल बनाया था। अगले वर्ष की शुरुआत में अमेरिका में
ट्रंप की अगुवाई वाली कार्यभार संभालने वाली नई सरकार के एजेंडा में इस सेगमेंट के लिए पॉलिसी बनाना शामिल हो सकता है। इस सेगमेंट में इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स की दिलचस्पी भी बढ़ी है। पिछले महीने के अंत में सॉफ्टवेयर कंपनी MicroStrategy ने लगभग 15,400 बिटकॉइन लगभग 1.5 अरब डॉलर में खरीदे थे। इस कंपनी के पास बिटकॉइन की पहले से बड़ी होल्डिंग मौजूद है।
माइक्रोस्ट्रैटेजी के पास लगभग 4,02,100 बिटकॉइन हैं। यह इस सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी की 2.1 करोड़ टोकन की कुल सप्लाई का दो प्रतिशत से कुछ कम है। हालांकि, कंपनी की बिटकॉइन में इनवेस्टमेंट की स्ट्रैटेजी को लेकर सवाल भी उठे हैं। माइक्रोस्ट्रैटेजी ने शुरुआत में इन्फ्लेशन के खिलाफ हेज के तौर पर बिटकॉइन में इनवेस्टमेंट करने का फैसला किया था। चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने क्रिप्टोकरेंसीज के लिए सख्त रेगुलेशन नहीं बनाने का संकेत दिया था। अमेरिका में क्रिप्टो मार्केट में इनवेस्टमेंट करने वालों की बड़ी संख्या है। ट्रंप की जीत में इन इनवेस्टर्स का भी योगदान होने की संभावना है।