मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में शुक्रवार को लगभग एक प्रतिशत की गिरावट थी। भारतीय एक्सचेंजों पर इसका प्राइस लगभग 61,452 डॉलर और इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर लगभग 60,577 डॉलर का था। अमेरिका में CPI का डेटा एनालिस्ट्स के अनुमान से अधिक होने का क्रिप्टो मार्केट पर असर पड़ा है।
हालांकि, दूसरी सबसे बड़ी
क्रिप्टोकरेंसी Ether में एक प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी थी। इसका प्राइस भारतीय एक्सचेंजों पर लगभग 2,438 डॉलर और इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर 2,407 डॉलर का था। इसके अलावा Avalanche, Cardano, Litecoin, Polkadot, Cronos, Ripple और Bitcoin SV के प्राइस बढ़े हैं। गिरावट वाली क्रिप्टोकरेंसीज में Solana, Binance Coin, Stellar और USD Coin शामिल थे। पिछले एक दिन में क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग एक प्रतिशत घटकर लगभग 2.12 लाख करोड़ डॉलर पर था।
क्रिप्टो ऐप CoinSwitch के मार्केट्स डेस्क ने Gadgets360 को बताया, "बिटकॉइन में लगातार चौथे दिन गिरावट थी। मार्केट में वोलैटिलिटी का बड़ा कारण अमेरिका में CPI के डेटा का एनालिस्ट्स के अनुमान से अधिक रहना है।" इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ सिक्योरिटीज कमीशंस (IOSCO के बोर्ड की ओर से जारी की गई एक
रिपोर्ट में बताया गया है कि रिटेल इनवेस्टर्स की क्रिप्टो सेगमेंट में दिचलस्पी बरकरार है। यह ट्रेंड विकसित देशों के साथ ही इमर्जिंग मार्केट्स में भी दिख रहा है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि युवा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए इस सेगमेंट में इनवेस्टमेंट से जुड़ी जानकारी का बड़ा जरिया गैर-अधिकृत और संदिग्थ सोर्स हैं। इससे वित्तीय नुकसान होने की आशंका है।
इस सेगमेंट में फ्रॉड के मामलों पर रोक लगाने के लिए यूनाइटेड नेशंस ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम (UNODC) ने बिना लाइसेंस वाली क्रिप्टो फर्मों पर पेनल्टी लगाने का सुझाव दिया है। UNODC का अनुमान है कि पिछले वर्ष दक्षिणपूर्व एशिया में क्रिप्टो से जुड़े स्कैम से लगभग 37 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। इन स्कैम में सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल किया जाता है। दक्षिणपूर्व एशिया के देशों की सरकारों को UNODC ने अधिक सतर्कता बरतने के साथ ही क्रिप्टो से जुड़े फ्रॉड के मामलों को रोकने के उपाय करने की भी सलाह दी है। हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने मिनिस्ट्री ऑफ कम्युनिकेशंस को एक क्रिप्टो फर्म की नकल वाली 38 वेबसाइट्स को हटाने का ऑर्डर दिया था।