मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin के प्राइस में गुरुवार को 2.20 प्रतिशत से अधिक की तेजी थी। भारतीय एक्सचेंजों पर बिटकॉइन का प्राइस लगभग 63,857 डॉलर और इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर 60,712 डॉलर का था। अमेरिका में एंप्लॉयमेंट में ग्रोथ का डेटा उम्मीद से कम रहने का क्रिप्टो मार्केट पर असर पड़ सकता है।
Ether का प्राइस 2.27 प्रतिशत धटा है। Gadgets360 के क्रिप्टो प्राइस ट्रैकर के अनुसार,
Ether का प्राइस लगभग 2,408 डॉलर पर था। Solana, Neo Coin, Iota और Stellar में भी गिरावट थी। Avalanche, Binance Coin, Tether, Ripple, Chainlink और Polkadot के प्राइस बढ़े हैं। पिछले एक दिन में क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन 1.69 प्रतिशत बढ़कर लगभग 2.13 लाख करोड़ डॉलर पर था।
क्रिप्टो एक्सचेंज BuyUcoin के CEO, Shivam Thakral ने बताया कि अमेरिका में प्रेसिडेंट के चुनाव में उम्मीदवार Kamala Harris के सहयोगी ने डिजिटल एसेट्स के लिए पॉजिटिव रुख का संकेत दिया है। इससे क्रिप्टो मार्केट को फायदा हो सकता है। मौजूदा वर्ष की पहली छमाही में इंटरनेशनल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट का कैपिटलाइजेशन लगभग 44 प्रतिशत बढ़कर 720 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस वर्ष की शुरुआत में बिटकॉइन ETFs के लॉन्च से इस सेगमेंट की ग्रोथ तेजी से बढ़ी है। क्रिप्टो एक्सचेंज Binance की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष जनवरी से जून के बीच बिटकॉइन ने ग्रोथ दर्ज की है। इसके पीछे बिटकॉइन ETF की शुरुआत होना और इसके नेटवर्क की चौथी हाविंग प्रमुख कारण हैं। दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether की वैल्यू भी तेजी से बढ़ी है। अमेरिका में बिटकॉइन ETFs में लगभग 17 अरब डॉलर का इनवेस्टमेंट किया गया है। इन ETFs में प्रति दिन की औसत ट्रेडिंग लगभग 2.3 अरब डॉलर की है।
इस वर्ष
बिटकॉइन ने लगभग तीन वर्षों के बाद अपना नया हाई लेवल बनाया था। इसका प्राइस मार्च में 73,737 डॉलर से अधिक पर पहुंचा था। हालांकि, पिछले कुछ महीनों से इसमें गिरावट है। इसमें गिरावट के पीछे कुछ देशों के बीच तनाव और रेगुलेटरी चुनौतियां जैसे कारण हैं। हालांकि, केंद्र सरकार की इस सेगमेंट को रेगुलेट करने की कोई योजना नहीं है। यूरोपियन यूनियन ( EU) और UAE ने क्रिप्टो सेगमेंट के लिए रूल्स बनाए हैं। हाल ही में लोकसभा में एक लिखित उत्तर में वित्त राज्यमंत्री Pankaj Chaudhary ने बताया था कि वर्चुअल एसेट्स की खरीद और बिक्री को रेगुलेट करने के लिए कानून बनाने का प्रपोजल नहीं है।