CBDC का प्राइवेट Stablecoins पर मामूली असर होगा, Tether के CTO का दावा

Ardoino का कहना है कि CBDC का डिजाइन सामान्य करंसी को डिजिटाइज करने के लिए नहीं बनाया जा रहा

CBDC का प्राइवेट Stablecoins पर मामूली असर होगा, Tether के CTO का दावा

CBDC से वायर ट्रांसफर में तेजी आएगी

ख़ास बातें
  • CBDC का डिजाइन सामान्य करंसी को डिजिटाइज करने के लिए नहीं होगा
  • CBDC से प्राइवेट स्टेबलकॉइन्स की डिमांड कम होने की आशंका है
  • बहुत से देश अपनी डिजिटल करंसी डिवेलप कर रहे हैं
विज्ञापन
क्रिप्टोकरंसी Tether के CTO, Paolo Ardoino का मानना है कि दुनिया भर में सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसीज (CBDC) का डिवेलपमेंट बढ़ने का प्राइवेट स्टेबलकॉइन्स पर ज्यादा असर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सामान्य करंसीज पहले एक प्रकार से डिजिटल करंसी हैं लेकिन 30 वर्ष पुरानी टेक्नोलॉजी के कारण इनके मेंटेनेंस में बड़े इनवेस्टमेंट की जरूरत है। उन्होंने बताया कि CBDC केवल SWIFT जैसे सेंट्रलाइज्ड पेमेंट नेटवर्क की जगह लेंगी और अधिकतर ट्रांजैक्शंस को पूरा करने के लिए प्राइवेट ब्लॉकचेन का इस्तेमाल होगा।

Ardoino ने CBDC को लेकर बढ़ती चर्चा के बारे में ट्विटर पर अपनी राय दी है। उनका कहना है कि CBDC का डिजाइन सामान्य करंसी को डिजिटाइज करने के लिए नहीं है क्योंकि ऐसा पहले ही हो चुका है क्योंकि अधिकतर ट्रांजैक्शंस डिजिटल हो रही हैं। उनका दावा है कि CBDC की भूमिका कम कॉस्ट वाले टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर के तौर पर प्राइवेट ब्लॉकचेन का इस्तेमाल करने में होगी। इसके जरिए बैंक ट्रांसफर और क्रेडिट/डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शंस की जाएंगी। उन्होंने कहा कि CBDC से वायर ट्रांसफर में तेजी आएगी। Ardoino ने बताया कि USDT जैसे प्राइवेट स्टेबलकॉइन्स का इस्तेमाल बरकरार रहेगा और इनसे यूजर्स को चेन्स के बीच ट्रांसफर करने और अपने पसंद की ब्लॉकचेन को चुनने की सुविधा मिलेगी, जो CBDC में नहीं होगा।

CBDC का इस्तेमाल बढ़ने से प्राइवेट स्टेबलकॉइन्स की डिमांड कम होने की आशंका जताई जा रही है। Cointelegraph की रिपोर्ट के अनुसार, अटलांटिक काउंसिल के CBDC ट्रैकर से पता चलता है कि भारत सहित 86 देश अपनी डिजिटल करंसी डिवेलप कर रहे हैं। इन देशों की संख्या पिछले दो वर्षों में लगभग दोगुनी हुई है। इन देशों में से नौ ने पहले ही अपनी CBDC लॉन्च कर दी है और 15 देश इसका परीक्षण कर रहे हैं।

अमेरिका में डिजिटल एसेट्स पर एग्जिक्यूटिव ऑर्डर में फेडरल रिजर्व से इस पर विचार करने को कहा गया है कि उसे अपनी डिजिटल करंसी जारी करनी चाहिए या नहीं। इसमें ट्रेजरी डिपार्टमेंट और अन्य एजेंसियों के क्रिप्टोकरंसीज के फाइनेंशियल सिस्टम और सिक्योरिटी पर असर की स्टडी करना भी शामिल है। क्रिप्टो सेगमेंट को लेकर कई देशों में कानून बनाने की भी मांग हो रही है। हाल के महीनों में इस सेगमेंट में धोखाधड़ी के मामले बढ़े हैं। रेगुलेटर्स का कहना है कि क्रिप्टोकरंसी ट्रांजैक्शंस के लिए स्क्रीनिंग को बढ़ाने की जरूरत है। 

 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: CBDC, Blockchain, Crypto, Tether, Transactions, America, Technology
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Vivo ने लॉन्च किया G3 5G, MediaTek Dimensity 6300 चिपसेट, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  2. Infinix Hot 60i 5G भारत में हुआ लॉन्च, 6,000 mAh की बैटरी
  3. 20 हजार वाले Samsung Galaxy A35 5G, Vivo T4 5G और Moto G96 5G जैसे स्मार्टफोन्स पर जबरदस्त डील
  4. Ola Electric ने लॉन्च किया S1 Pro Sport, जानें प्राइस, रेंज
  5. Oppo K13 Turbo Pro की भारत में शुरू हुई बिक्री, जानें प्राइस, ऑफर्स
  6. Google Search में AI मोड भारत में हुआ शुरू, जानें कैसे करें उपयोग
  7. Flipkart Freedom Sale: 7 हजार रुपये सस्ता मिल रहा Google का पिक्सल फोन
  8. Lava Blaze AMOLED 2 5G vs iQOO Z10 Lite 5G vs Moto G45 5G: 15 हजार में कौन है बेस्ट
  9. घर के बाहर कूड़े का ढेर लगा है या गंदे हैं सार्वजिक शौचालय तो इस सरकारी ऐप पर करें रिपोर्ट, जल्द मिलेगा समाधान
  10. प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों को टक्कर देगी BSNL, सरकार से मिलेंगे 47,000 करोड़ रुपये
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »