मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin के प्राइस में इस वर्ष काफी तेजी आई है। इसका प्राइस 70,000 डॉलर से अधिक पर है। Benchmark Company के एनालिस्ट, Mark Plamer का पूर्वानुमान है कि बिटकॉइन का प्राइस अगले वर्ष के अंत तक 1,50,000 डॉलर तक जा सकता है।
Plamer ने अमेरिकी सॉफ्टवेयर कंपनी MicroStrategy का प्राइस टारगेट भी लगभग दोगुना बढ़ाकर 1.875 डॉलर किया है। इससे पहले उन्होंने MicroStrategy के लिए 990 डॉलर का टारगेट दिया था। इस कंपनी को लेकर Plamer का पॉजिटिव सेंटीमेंट इसके पास
बिटकॉइन होल्डिंग्स पर आधारित है। उन्होंने एक इनवेस्टर नोट में बताया कि MicroStrategy को बिटकॉइन होल्डिंग्स से काफी फायदा होगा क्योंकि इस सबसे अधिक वैल्यू वाली क्रिप्टोकरेंसी की सप्लाई आधी हो जाएगी। Palmer ने 27 फरवरी को बिटकॉइन के 1,25,000 डॉलर तक पहुंचने का पूर्वानुमान दिया था।
इसके बाद बिटकॉइन का प्राइस लगभग 27 प्रतिशत बढ़ा है। बहुत से देशों में इस सेगमेंट को रेगुलेट करने के उपाय किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में ब्रिटेन ने क्रिप्टो सेगमेंट का रेगुलेटेड मार्केट के साथ विलय करने का फैसला किया है। इसकी शुरुआत लंदन स्टॉक एक्सचेंज (LSE) पर बिटकॉइन और Ether के लिए एक्सचेंज ट्रेडेड नोट्स (ETN) से हो रही है। हालांकि, ये ETN केवल प्रोफेशनल इनवेस्टर्स और ट्रेडर्स के लिए ही उपलब्ध होंगे।
हालांकि, भारत में क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर केंद्र सरकार का सख्त रवैया बरकरार है। पिछले महीने वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने कहा था कि देश में
क्रिप्टोकरेंसीज को 'करेंसी' के तौर पर माना या देखा नहीं जाता। क्रिप्टो मार्केट में आई तेजी के बाद इस सेक्टर को लेकर सरकार के रवैये में बदलाव के प्रश्न पर, सीतारमण का कहना था, "सरकार का हमेशा से यह मानना रहा है कि क्रिप्टो को लेकर बनाए गए एसेट्स का ट्रेडिंग और कई अन्य चीजों के लिए एसेट्स के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। हमने इन्हें रेगुलेट नहीं किया है। ये करेंसीज नहीं हो सकते और यह केंद्र सरकार की पोजिशन है।" अमेरिका में बिटकॉइन स्पॉट ETF को सिक्योरिटीज रेगुलेटर की ओर से स्वीकृति मिलने के बाद क्रिप्टो मार्केट में तेजी आई थी। इससे पहले कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI ने कहा था कि ट्रांजैक्शंस में आसानी की वजह से स्टॉक मार्केट से बड़ी संख्या में इनवेस्टर्स का रुख क्रिप्टो सेगमेंट की ओर हो सकता है।