क्रिप्टो मार्केट में वोलैटिलिटी बढ़ रही है। इस वजह से अधिकतर क्रिप्टोकरेंसीज में नुकसान है। मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में गुरुवार को 1.62 प्रतिशत की गिरावट थी। इसका प्राइस 64,354 डॉलर पर था। पिछले एक दिन में इसकी वैल्यू लगभग 1,134 डॉलर घटी है।
Ether का प्राइस लगभग 2.15 प्रतिशत कम होकर लगभग 3,190 डॉलर पर था। पिछले एक दिन में इसकी वैल्यू 72 डॉलर घटी है। इसके अलावा Solana, Ripple, Cardano, Bitcoin Cash, Polkadot, Tron, Near Protocol और Litecoin के प्राइस घटे हैं। पिछले एक दिन में
क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन 0.93 प्रतिशत कम होकर लगभग 2.47 लाख करोड़ डॉलर पर था।
क्रिप्टो एक्सचेंज BuyUcoin के CEO, Shivam Thakral ने Gadgets360 को बताया, "बिटकॉइन में गिरावट का बड़ा कारण स्पॉट ETF में फंडिंग घटना है। पहली तिमाही में स्पॉट ETF से ही तेजी आई थी।" क्रिप्टो ऐप CoinDCX के मार्केट्स डेस्क ने कहा, "बिटकॉइन की तरह Ether पर भी प्रेशर है। इसके लिए 3,200 डॉलर का महत्वपूर्ण लेवल है। अमेरिका में बेरोजगारी के मासिक डेटा की घोषणा से मार्केट में वोलैटिलिटी बढ़ सकती है।"
भारत में क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर केंद्र सरकार का सख्त रवैया बरकरार है। पिछले महीने वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने कहा था कि देश में क्रिप्टोकरेंसीज को 'करेंसी' के तौर पर माना या देखा नहीं जाता। हाल ही में क्रिप्टो मार्केट में आई तेजी के बाद इस सेक्टर को लेकर सरकार के रवैये में बदलाव के प्रश्न पर, सीतारमण का कहना था, "सरकार का हमेशा से यह मानना रहा है कि क्रिप्टो को लेकर बनाए गए एसेट्स को ट्रेडिंग और कई अन्य चीजों के लिए एसेट्स के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। हमने इन्हें रेगुलेट नहीं किया है। ये करेंसीज नहीं हो सकते और यह केंद्र सरकार की पोजिशन है।" अमेरिका में
बिटकॉइन स्पॉट ETF को सिक्योरिटीज रेगुलेटर की ओर से स्वीकृति मिलने के बाद क्रिप्टो मार्केट में काफी तेजी आई थी। इससे पहले कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI ने कहा था कि ट्रांजैक्शंस में आसानी की वजह से स्टॉक मार्केट से बड़ी संख्या में इनवेस्टर्स का रुख क्रिप्टो सेगमेंट की ओर हो सकता है। कुछ देशों में इस सेगमेंट के लिए रूल्स भी बनाए जा रहे हैं। इससे क्रिप्टो से जुड़े स्कैम के मामले घट सकते हैं।