चंद्रयान-3 की सफलता से खुल सकता है कम बजट वाली स्पेस फ्लाइट्स का रास्ता

चंद्रयान-3 की सफलता से यह संकेत मिल रहा है कि ISRO ने कम कॉस्ट में बड़े मिशन पूरे करने का एक सिस्टम तैयार कर लिया है

विज्ञापन
Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 24 अगस्त 2023 23:50 IST
ख़ास बातें
  • ISRO इसके बाद कुछ अन्य महत्वपूर्ण मिशंस की तैयारी कर रही है
  • पिछले कुछ वर्षों में ISRO ने अपनी एक्सपर्टाइज को बढ़ाया है
  • चंद्रयान-3 में एक लैंडर मॉड्यूल, प्रोपल्शन मॉड्यूल और एक रोवर शामिल है

देश के सफल लुनर मिशन पर केवल 6.15 अरब रुपये खर्च हुए हैं

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों ने जब चंद्रयान-3 के डिजाइन की शुरुआत की थी, तो उन्हें पता था कि उनके पास चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंडिंग कर इतिहास बनाने का एक और मौका है। लगभग चार वर्ष पहले उनकी यह कोशिश नाकाम हो चुकी थी। उन्हें इस बार कम बजट में यह मिशन पूरा करना था। चंद्रयान-3 पर केवल 6.15 अरब रुपये खर्च हुए हैं। 

एनालिस्ट्स, सप्लायर्स और अधिकारियों का कहना है कि रॉकेट पर कॉस्ट से लेकर देश में सप्लाई बेस बनाने तक ISRO की चंद्रयान-3 के साथ चंद्रमा पर लैंडिंग की सफलता से यह संकेत मिल रहा है कि ISRO ने कम कॉस्ट में बड़े मिशन पूरे करने का एक सिस्टम तैयार कर लिया है। हालांकि, ISRO के इस इनोवेशन की टेस्टिंग आगामी मिशंस में होगी। केंद्र सरकार ने पिछले फाइनेंशियल ईयर में डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस के लिए लगभग 13,700 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। हालांकि, डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस ने इससे लगभग 25 प्रतिशत कम खर्च किया था। मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के लिए यह बजट 12,560 करोड़ रुपये का है। 

इसकी तुलना में अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के पास मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के लिए 25 अरब डॉलर (लगभग 2,06,585 करोड़ रुपये) का बजट है। ISRO के चेयरमैन, S Somanath ने बुधवार को चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैंडिंग के बाद कहा था, "दुनिया में कोई भी यह इस तरीके से नहीं कर सकता, जैसे हमने किया है। में सभी सीक्रेट्स का खुलासा नहीं करूंगा, नहीं तो अन्य लोग भी कॉस्ट घटा सकते हैं।" 

ISRO इसके बाद कुछ अन्य महत्वपूर्ण मिशंस की तैयारी कर रही है। इनमें सूर्य की स्टडी से जुड़ा एक मिशन, क्लाइमेट का अवलोकन करने वाले एक सैटेलाइट का लॉन्च और इंडो-US सिंथेटिक अपार्चर राडार शामिल हैं।। ISRO ने बताया है कि इसके अलावा ब्राइट एस्ट्रोनॉमिकल X-रे सोर्सेज की स्टडी के लिए देश का पहला पोलरिमेटरी मिशन भी लॉन्च के लिए तैयार है। Somanath ने कहा था कि क्लाइमेट का अवलोकन करने वाले सैटेलाइट INSAT-3DS के लॉन्च की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही गगनयान से क्रू के निकलने के सिस्टम की पुष्टि के लिए एक टेस्ट व्हीकल मिशन भी जल्द लॉन्च किया जा सकता है। अंतरिक्ष यात्रियों के साथ देश के पहले स्पेस फ्लाइट मिशन गगनयान के प्रोपल्शन सिस्टम की हाल ही में सफल टेस्टिंग की गई थी। यह टेस्टिंग तमिलनाडु के महेन्द्रगिरि में ISRO के प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स में हुई थी। इस मिशन में तीन दिनों के लिए तीन सदस्यीय क्रू को 400 किलोमीटर के ऑर्बिट पर भेजा जाएगा और उसके बाद उन्हें सुरक्षित धरती पर लाया जाएगा। 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: Space, Design, Mission, ISRO, Data, Budget, Rocket, NASA, Government, Success

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. डेटिंग में भी घुसा AI, 50 प्रश्न पूछेगा और मिलाएगा आपके पार्टनर से! जानें इस ऐप के बारे में
#ताज़ा ख़बरें
  1. Realme P4 Pro 5G vs Nothing Phone 3a vs Poco X7 Pro 5G: 25 हजार में कौन सा है बेहतर
  2. Pixel मोबाइल पर कनेक्ट होंगे 1 साथ 2 हेडफोन
  3. 10 हजार रुपये में आने वाली टॉप 5 स्मार्टवॉच, 10 दिनों तक चलेगी बैटरी, जानें सबकुछ
  4. डेटिंग में भी घुसा AI, 50 प्रश्न पूछेगा और मिलाएगा आपके पार्टनर से! जानें इस ऐप के बारे में
  5. हाइवे पर फ्री AC रूम, Wi-Fi और शॉवर, बस भरवाना है फ्यूल; बुकिंग सीधा मोबाइल ऐप से
  6. Vivo T4 Pro vs Realme 15 5G vs Nothing Phone 3a: 30 हजार में कौन सा है बेस्ट
  7. Samsung की AI वाली वॉशिंग मशीन, कपड़ों को गीला किए बिना करेगी साफ, प्रेस करने का भी झंझट खत्म!
  8. ऑनलाइन डिजिटल स्कैम के शिकार तो नहीं हुए आप? ऐसे करें ऑनलाइन शिकायत
  9. Gmail पर Spam Email को ऐसे करें Block, स्टोरेज भी हो जाएगी खाली, फॉलो करें ये स्टेप्स
  10. Motorola G06 में मिल सकता है MediaTek Helio G81 Extreme चिपसेट
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.