पिछले सप्ताह चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के साथ भारत ने स्पेस मिशंस में अपनी एक्सपर्टाइज का लोहा मनवाया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चंद्रयान-3 मिशन को महिला शक्ति का एक जीवंत उदाहरण बताया है। उन्होंने इस चंद्रयान-3 की सफलता में महिला वैज्ञानिकों के योगदान की प्रशंसा की।
मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के 104वें एपिसोड में कहा, 'मैंने लाल किले से महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को मजबूत करने का आह्वान किया था। जहां महिलाओं की शक्ति की क्षमता को जोड़ा जाता है वहां असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।' उनका कहना था कि
चंद्रयान-3 मिशन भी महिलाओं की शक्ति का एक जीवंत उदाहरण है। मोदी ने कहा, "इस मिशन में बहुत सी महिला वैज्ञानिक और इंजीनियर सीधे तौर पर जुड़ी थी।" मोदी ने पिछले सप्ताह चंद्रयान-3 मिशन में शामिल ISRO के वैज्ञानिकों के साथ मुलाकात की थी।
उन्होंने इस मिशन में योगदान देने वाली ISRO की महिला वैज्ञानिकों से भी मोदी ने बातचीत की थी। मोदी ने घोषणा की थी कि लैंडर विक्रम के चंद्रमा की सतह पर उतरने के स्थान को 'शिव शक्ति प्वाइंट' कहा जाएगा। ग्रीस की राजधानी एथेंस से शनिवार को सीधे बेंगलुरू पहुंचे मोदी ने चंद्रयान-3 मिशन को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के इतिहास में एक 'असाधारण' क्षण बताया था। उन्होंने कहा था कि चंद्रमा की सतह पर लगभग चार वर्ष पहले जिस स्थान पर चंद्रयान-2 क्रैश हुआ था उसे 'तिरंगा प्वाइंट' के तौर पर जाना जाएगा। मोदी ने बताया कि चंद्रयान-3 के 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह के उतरने के दिन को नेशनल स्पेस डे के तौर पर मनाया जाएगा।
ISRO के टेलीमेट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (ISTRAC) में
ISRO की टीम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी का गला भर आया था उन्होंने ISRO की मेहनत और उत्साह की जमकर तारीफ की थी। ISRO के वैज्ञानिकों ने जब चंद्रयान-3 के डिजाइन की शुरुआत की थी, तो उन्हें पता था कि उनके पास चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंडिंग कर इतिहास बनाने का एक और मौका है। लगभग चार वर्ष पहले उनकी यह कोशिश नाकाम हो चुकी थी। उन्हें इस बार कम बजट में यह मिशन पूरा करना था। चंद्रयान-3 के साथ चंद्रमा पर लैंडिंग की सफलता से यह संकेत मिल रहा है कि ISRO ने कम कॉस्ट में बड़े मिशन पूरे करने का एक सिस्टम तैयार कर लिया है।