माइक्रोब्लॉगिंग साइट Twitter के खिलाफ कंपनी की दो पूर्व विमेन एंप्लॉयीज ने मुकदमा दायर किया है। इनका आरोप है कि पिछले महीने ट्विटर की ओर से की गई छंटनी में विमेन एंप्लॉयीज के साथ भेदभाव किया गया था। ट्विटर को बिलिनेयर Elon Musk के टेकओवर करने के बाद से कंपनी के खिलाफ कुछ कानूनी मामले दायर हुए हैं।
ट्विटर को मस्क ने लगभग 44 अरब डॉलर में खरीदा था। इसके बाद
कंपनी के लगभग आधे वर्कर्स की छंटनी की गई थी। अमेरिका में सैन फ्रांसिस्को की अदालत में दायर मामले में आरोप लगाया गया है कि छंटनी में लगभग 57 प्रतिशत विमेन एंप्लॉयीज को कंपनी से हटाया गया है। इसकी तुलना में हटाए गए पुरुषों की संख्या आदं से कम है। कंपनी में छंटनी से पहले विमेन एंप्लॉयीज की संख्या पुरुषों की तुलना में कम थी। मस्क ने उन इंजीनियर्स को भी कंपनी से हटाया था जिन्होंने उनकी आलोचना की थी। इस वर्ष की शुरुआत में ट्विटर के पास लगभग 7,500 एंप्लॉयीज थे।
एक प्राइवेट कंपनी होने के कारण ट्विटर ने यह नहीं बताया है कि कंपनी में छंटनी के बाद कितने एंप्लॉयीज हैं। इस बारे में ट्विटर को भेजे गए प्रश्नों का उत्तर नहीं मिला। पिछले महीने की शुरुआत में छंटनी करने के बाद मस्क ने कंपनी के स्टाफ को
मस्क ने एक नया मैसेज दिया था। उन्होंने स्टाफ से यह तय करने के लिए कहा था कि वे कंपनी में अधिक घंटों तक काम करना चाहते हैं या तीन महीने की सेवरेंस पे लेकर इस्तीफा देंगे। इसके लिए स्टाफ को एक लिंक को क्लिक करने के लिए कहा गया था।
इस लिंक में लिखा था कि इसकी पुष्टि करें कि 'आप नए ट्विटर का हिस्सा बनना चाहते हैं।' इस लिंक को क्लिक नहीं करने वाले स्टाफ का कंपनी से इस्तीफा माना जाएगा। मैसेज में कहा गया था, "आप जो भी फैसला लेते हैं, ट्विटर को सफल बनाने की आपकी कोशिशों के लिए धन्यवाद।" मस्क ने मैसेज में बताया था कि ट्विटर 2.0 को तेजी से बढ़ते कॉम्पिटिशन के बीच सफल बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। इसका मतलब है कि अधिक घंटों तक काम करना होगा। केवल असाधारण प्रदर्शन करने वालों को पास किया जाएगा। इससे पहले मस्क ने स्टाफ के वर्क फ्रॉम होम या रिमोट लोकेशन से वर्क पर बैन लगा दिया था। उन्होंने इसके साथ ही वर्कर्स को मुश्किल दौर के लिए तैयार रहने की सलाह भी दी थी।