गूगल को टक्कर देने के लिए लॉन्च हुआ AI पावर्ड SearchGPT

इस सप्ताह की शुरुआत में सॉफ्टवेयर कंपनी Microsoft ने अपनी AI सर्च सर्विस Bing पेश की थी। SearchGPT का सीमित एक्सेस उपलब्ध कराया गया है

गूगल को टक्कर देने के लिए लॉन्च हुआ AI पावर्ड SearchGPT

AI पावर्ड सर्च इंजंस में बढ़ोतरी से पब्लिशर्स, ब्लॉगर्स और वेबसाइट्स को ट्रैफिक घटने की आशंका है

ख़ास बातें
  • SearchGPT का सीमित एक्सेस उपलब्ध कराया गया है
  • इसका मुकाबला गूगल की AI Overviews और Perplexity AI से होगा
  • हाल ही में Microsoft ने अपनी AI सर्च सर्विस Bing पेश की थी
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आर्टफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़ी सर्विसेज पेश करने वाली OpenAI ने AI सर्च इंजन SearchGPT का प्रोटोटाइप लॉन्च किया है। इस सप्ताह की शुरुआत में सॉफ्टवेयर कंपनी Microsoft ने अपनी AI सर्च सर्विस Bing पेश की थी। SearchGPT का सीमित एक्सेस उपलब्ध कराया गया है। कुछ यूजर्स और पब्लिशर्स को इसका एक्सेस दिया गया है। OpenAI ने इस प्लेटफॉर्म पर साइन अप के लिए एक वेटलिस्ट भी शुरू की है। 

इसका मुकाबला Google की AI Overviews और Perplexity AI जैसी AI सर्च की अन्य सर्विसेज से होगा। OpenAI ने अपनी वेबसाइट पर एक पोस्ट में सर्च इंजन सेगमेंट में अपनी एंट्री की घोषणा की है। इस पोस्ट में बताया गया है, "हम  SearchGPT की टेस्टिंग कर रहे हैं। यह हमारे AI मॉडल्स की ताकत को इंटरनेट से जानकारी के साथ जोड़ने के लिए डिजाइन किया गया है। इससे आपको स्पष्ट और प्रासंगिक सोर्सेज के साथ जल्द उत्तर मिलेंगे।" 

SearchGPT के इंटरफेस में एक बड़ा टेक्स्ट बॉक्स और सर्च शुरू करने के लिए एक बटन शामिल होगा। इसके ऊपर यूजर्स को उनकी क्वेरी से जुड़ी इमेजेज, टेबल्स और अन्य ग्राफिक्स दिखेंगे। इसके नीचे यूजर्स वे सोर्सेज दिखेंगे जिनसे जानकारी ली गई है। OpenAI का कहना है कि उसके सर्च प्रोडक्ट का टारगेट इंटरनेट पर एक कोशिश में उत्तर खोजने की चुनौती का समाधान करना है। इसमें यूजर्स को फॉलो-अप प्रश्न पूछने की भी सुविधा मिलेगी। हालांकि, OpenAI ने यह नहीं बताया है कि इस टूल के लिए किस AI मॉडल का इस्तेमाल किया गया है। 

AI पावर्ड सर्च इंजंस में बढ़ोतरी से पब्लिशर्स, ब्लॉगर्स और वेबसाइट्स को ट्रैफिक घटने की आशंका है। इस पर OpenAI का कहना है कि इसने SearchGPT को डिवेलप करने के लिए पब्लिशर्स के साथ टाई-अप किया है। डेटा की बड़ी मात्रा में के जरिए प्रशिक्षित किए गए जेनरेटिव AI से मनुष्यों के जैसा नया कंटेंट तैयार हो सकता है। इससे साइंस से जुड़े असाइनमेंट पूरे किए जा सकते हैं और नॉवेल भी लिखे जा सकते हैं। जेनरेटिव AI के कई नुकसान भी हैं। इसके इस्तेमाल से ठगी के मामले हो रहे हैं और जाली वीडियो भी बनाए जा रहे हैं। इस वजह से कई देशों में इसे लेकर सख्ती करने की तैयारी हो रही है। यूरोपियन यूनियन ने अपने AI एक्ट को संशोधित किया है और अमेरिका ने AI रेगुलेशन के लिए कोशिशें शुरू कर दी हैं। 

 
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