WhatsApp पर 2021 में प्राइवेसी पॉलिसी में किए गए अपडेट के लिए लगाई गई है। वॉट्सऐप का मालिकाना हक रखने वाली Meta ने NCLAT में कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) के ऑर्डर को चुनौती दी है। पिछले वर्ष नवंबर में CCI ने वॉट्सऐप की प्राइवेसी पॉलिसी को लागू करने में अपनी दबदबे वाली स्थिति का गलत इस्तेमाल करने के लिए Meta पर 213.1 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाई थी।
CCI ने कंपनी पर अपनी दबदबे वाली स्थिति का गलत इस्तेमाल करने के लिए 213.14 करोड़ रुपये की पेनाल्टी लगाई है। यह मामला इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म WhatsApp की लगभग तीन वर्ष पहले लागू की गई प्राइवेसी पॉलिसी से जुड़ा है। वॉट्सऐप का मालिकाना हक Meta के पास है। इस पॉलिसी के तहत, वॉट्सऐप और Facebook जैसी Meta की अन्य फर्मों के बीच डेटा शेयरिंग को अनिवार्य किया गया था।
वॉट्सऐप के यूजर्स को कंपनी की पॉलिसी का उल्लंघन करने वाले एकाउंट्स की रिपोर्ट देने की अनुमति होती है। इसके साथ ही यह ऐसे पॉलिसी का उल्लंघन करने वाले एकाउंट्स की पहचान के लिए अपने सिस्टम्स का भी इस्तेमाल करता है
Whatsapp Privacy Policy : दो छात्रों ने याचिका में कहा है कि यूजर्स की डिटेल को फेसबुक या किसी और से शेयर करना उनकी निजता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन है।
WhatsApp ने पिछले दिनों अपने एक बयान में कहा था कि जो यूज़र्स व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को एक्सेप्ट नहीं करते हैं, कुछ समय बाद वह व्हाट्सऐप के कुछ ही फीचर्स का सीमित इस्तेमाल कर सकेंगे।
WhatsApp ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि यूज़र्स को 8 फरवरी तक इस नई पॉलिसी की सभी शर्तों को अपनाना होगा, लेकिन डेटा-साझाकरण पर हुई आलोचनाओं के चलते इस तारीख को आगे बढ़ा दिया गया था।
यूं तो कानून के अनुसार WhatsApp को केवल उन लोगों की जानकारी देने की आवश्यकता है, जिन पर गलत काम करने का आरोप लगाया गया है, लेकिन कंपनी का कहना है कि वह ऐसा नहीं कर सकती।
WhatsApp ने अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर स्पष्ट कर दिया था कि अपडेट मुख्य रूप से प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने वाले बिजनेस अकाउंट के लिए अपडेट की गई है। जिसमें ऐप यूज़र की डिटेल्स जैसे उनके फोन नंबर और ट्रांजेक्शन डेटा को व्यवसायों के साथ साझा किया जाएगा।
WhatsApp की नई पॉलिसी क्या है, ये यूज़र्स पर कैसे असर करेगी, कंपनी यूज़र का कौन सा डेटा साझा करेगी और यदि आप नई नीति को एक्सेप्ट नहीं करेंगे, तो क्या होगा। यहां, हम आपको इन सभी सवालों का जवाब दे रहे हैं।
WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी में कई पॉइन्ट्स ऐसे थे, जो फेसबुक से डेटा साझा करने की बात कर रहे थे। इसके चलते लोगों ने WhatsApp को बॉयकॉट कर Telegram और Signal को चुनने का फैसला करना शुरू कर दिया।