Whatsapp (व्हाट्सएप) की नई पॉलिसी पर दिल्ली हाई कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा है कि उसने इसके लिए कंपनी को नोटिस जारी किया है। सरकार ने हाई कोर्ट से कहा है कि उसने व्हाट्सएप की पॉलिसी अपडेट पर अपनी पैनी नजर बना रखी है। सरकार ने कोर्ट में कहा है कि जब तक व्हाट्सएप से उसे इस मामले में जवाब नहीं मिल जाता, तब तक मामले की सुनवाई टाल दी जाए। हालांकि केंद्र सरकार ने कोर्ट में कहा है कि व्हाट्सएप भारत यूजरों के साथ यूरोपीय यूजरों के मुकाबले अलग व्हवहार कर रही है।
Whatsapp की नई पॉलिसी में उसने भारत में व्हाट्सएप यूजर्स के डाटा को पैरेंट कंपनियों जैसे फेसबुक के साथ शेयर करने के लिए कहा है। हालांकि यह पॉलिसी सिर्फ भारत के लिए ही है। यूरोपीय यूजर के डाटा को
फेसबुक के साथ शेयर करने की बात नहीं है। ऐसे में केंद्र सरकार ने कहा है कि व्हाट्सएप ने यूरोप के लोगों के लिए जो पॉलिसी बनाई है, उसे भारतीय लोगों के लिए जारी नहीं किया जा रहा।
Whatsapp पर दिल्ली हाईकोर्ट ने इससे पहले याचिकाकर्ता से कहा है कि व्हाट्सएप एक निजी ऐप है। यदि आप इसे डाउनलोड नहीं करना चाहते तो आप इसे छोड़ सकते हैं। यह आपके ऊपर निर्भर करता है। इसके अलावा कोर्ट ने यह भी कहा है कि दूसरी भी कई ऐसी ऐप्स हैं जिसमें यूजर्स अपने डाटा को कंपनियों के साथ शेयर करता है। हाई कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 1 मार्च को होगी।
Whatsapp की नई पॉलिसी पर दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है। इसमें कहा गया है कि व्हाट्सएप की नई पॉलिसी यूजर्स की प्राइवेसी का उल्लंघन करती है। इसके अलावा यह पॉलिसी देश की सुरक्षा के लिए भी खतरा है। इस याचिका में कोर्ट से व्हाट्सएप की नई पॉलिसी पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गई है। हालांकि कोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार अपने हिसाब से इस मामले को देख रही है।
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