WhatsApp अपनी प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर एक बार फिर से हार गई है। फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने इसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी को वापस लेने के लिए कहा है। मंत्रालय ने व्हाट्सएप को पत्र भेजा है वह NDTV द्वारा भी देखा गया है। इस पत्र में इस्टेंट मैसेजिंग ऐप को संदेश दिया गया है। जिसके मुताबिक MeitY का मानना है कि व्हाट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी में हुए बदलाव और इनको लागू करने का तरीका सूचना की गोपनीयता, डेटा सुरक्षा और उपयोगकर्ता की इच्छा के पवित्र मूल्यों को कमजोर बनाता है। यह भारतीय नागरिकों के अधिकारों और रूचि का हनन करने वाला है। सरकार ने व्हाट्सएप को इस पत्र के संदर्भ में अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए 7 दिन का समय दिया है। यदि व्हाट्सएप की तरफ से कोई संतोषजनक प्रत्युत्तर नहीं प्राप्त होता है तो कानून के अनुरूप फिर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे, ऐसा पत्र में लिखा गया है।
व्हाट्सएप से किए गए 18 मई के संपर्क में मंत्रालय ने इस मैसेजिंग प्लेटफॉर्म को फिर से यह बताया था कि वह अपनी 2021 की प्राइवेसी पॉलिसी को वापस ले ले।
इस संदेश में सरकार ने व्हाट्सएप का ध्यान इस बात की ओर खींचने की कोशिश की थी कि कैसे इसकी नई प्राइवेसी पॉलिसी मौजूदा भारतीय कानूनों और नियमों के कई प्रावधानों का उल्लंघन करती है।
भारतीय नागरिकों के अधिकारों और हितों की रक्षा हेतु अपने संप्रभु उत्तरदायित्व को निभाते हुए सरकार इसके लिए अन्य विकल्पों पर ध्यान देगी जो भारतीय कानूनों के दायरे में आते हों।
मंत्रालय ने व्हाट्सएप द्वारा किए जाने वाले भारतीय यूजर और यूरोपियन यूजर के बीच भेदभावपूर्ण व्यवहार का मुद्दा भी दृढ़ता से उठाया है। इसमें कहा गया है, "जैसा कि आप ये अच्छी तरह जानते हैं, बहुत से भारतीय नागरिक संपर्क साधने हेतु रोजमर्रा की जिन्दगी में व्हाट्सएप पर निर्भर रहते हैं। यह केवल संशयात्मतक नहीं है बल्कि गैर-जिम्मेदाराना भी है कि व्हाट्सएप अपने अनुचित नियम और शर्तों को लागू करने के लिए अपनी स्थिति का लाभ उठाए। खासकर कि वे नियम जो यूरोप के यूजर्स और भारतीय यूजर्स के बीच भेदवाव दर्शाते हों।"
यहां पर यह बताना भी आवश्यक हो जाता है कि व्हाट्सएप को कई बार अपनी पेरेंट कंपनी फेसबुक से डेटा शेयर करने को लेकर फटकार लग चुकी है। लैटर में यह भी कहा गया है कि व्हाट्सएप ने अपनी नई प्राइवेसी पॉलिसी को 15 मई 2021 तक अधिकारिक रूप से स्थगित कर दिया है।
हालांकि, मंत्रालय का कहना है कि पॉलिसी को स्थगित करना व्हाट्सएप को भारतीय यूजर्स की सूचना की गोपनीयता, डेटा सुरक्षा और उपयोगकर्ता की इच्छा का सम्मान करने से छूट नहीं देता है।
इसमें इस बात पर भी जोर दिया गया है कि प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव और इन बदलावों को FAQs (frequently asked questions) के रूप में लागू करना यूजर्स की सूचना की गोपनीयता, डेटा सुरक्षा और उपयोगकर्ता की इच्छा का हनन करता है।
दिल्ली हाईकोर्ट में भी मंत्रालय ने यही पक्ष रखा जहां पर यह मामला विचाराधीन है और जहां से यह पत्र जारी किया गया है।
अपडेट- व्हाट्सएप ने गैजेट्स 360 से बात की और निम्नलिखित बयान दिया:
"हम लगातार सरकार से इस बारे में बात कर रहे हैं और हमने जो बयान पहले दिया है उसकी फिर से पुष्टि करते हैं कि यह अपडेट किसी भी व्यक्ति के निजी संदेशों की गोपनीयता को प्रभावित नहीं करेगी।
हमारा लक्ष्य है कि हम लोगों तक उन सभी विकल्पों की जानकारी पहुंचाएं जिन पर हम काम कर रहे हैं, व्हाट्सएप पर बिजनेस संदेश भेजने के लिए, जो लोगों के पास भविष्य में होंगे भी। बहुसंख्य लोगों ने सेवाओं के नए नियमों को स्वीकार भी कर लिया है। हम उन लोगों को प्रोत्साहित करते हैं जिनको अभी ऐसा करने का मौका नहीं मिला है। 15 मई को न तो कोई अकाउंट डिलीट किया गया है और न ही व्हाट्सएप की कार्यप्रणाली प्रभावित हुई है। हम अगले कुछ हफ्तों तक लोगों को इसके बारे में स्मरण करवाते रहेंगे। हम आभारी हैं कि व्हाट्सएप लोगों की जिन्दगी में इतना महत्वपूर्ण रोल अदा कर रहा है। हम आगे भी ऐसे अवसरों का लाभ उठाते रहेंगे जब हम लोगों को बता पाएंगे कि कैसे हम उनके निजी संदेशों और गोपनीय जानकारी की रक्षा करते हैं।"
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