Paragon Solutions के स्पाइवेयर द्वारा दुनियाभर के कई देशों के पत्रकारों और सिविल सोसाइटी के सदस्यों को टार्गेट करने की पुष्टि करने के बाद, अब WhatsApp ने अपने यूजर्स के लिए चेतावनी जारी की है। व्हाट्सऐप ने माना है कि प्रभावित यूजर्स के डिवाइस से रिमोटली छेड़छाड़ की गई है। व्हाट्सऐप के एक अधिकारी ने रॉयटर्स (via NDTV) को बताया कि उसने लगभग 90 यूजर्स को हैक करने के प्रयास का पता लगाया है। Meta के स्वामित्व वाले प्लेटफॉर्म ने यह भी बताया कि यह जीरो-क्लिक हैक था।
यूजर्स अपने सिस्टम को सुरक्षित रखने के लिए कोई पॉपुलर या विश्वसनीय एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का उपयोग भी कर सकते हैं। इसके अलावा, मौजूदा सॉफ्टवेयर को अपडेट रखना भी समझदारी होगी।
Cisco Systems, IBM, VMware और Splunk उन कंपनियों में शामिल थीं, जिनके पास गुरुवार को कस्टमर्स द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे दोषपूर्ण सॉफ्टवेयर के कई पीस थे।
लक्ष्मण नाम के इस भारतीय सिक्योरिटी रिसर्चर का कहना है कि Microsoft के ऑलाइन सर्विस में एक ऐसी समस्या मौजूद थी, जिससे चलते कोई भी व्यक्ति आसानी से आपका माइक्रोसॉफ्ट अकाउंट हैक कर सकता था और ये सबकुछ आपके बिना जानकारी के मुमकिन था।
DigiLocker साइट पर उपलब्ध आंकड़ों को देखें, तो 3.84 करोड़ रजिस्टर्ड यूज़र्स इस प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं। इस प्लेटफॉर्म पर आधार कार्ड, इंशोरेंस लेटर, इनकम टैक्स रिटर्न, मार्कशीट जैसे कई डॉक्यूमेंट्स को स्टोर किया जाता है।
आज के वाई-फाई डिवाइस WPA2 प्रोटोकॉल को इस्तेमाल में लाते हैं। लेकिन एक सिक्योरिटी रिसर्चर ने सोमवार को खुलासा किया कि दुनिया के सभी वाई-फाई डिवाइस इस प्रोटोकॉल की एक कमी के कारण असुरक्षित हैं।
सिसको के एक रिसर्चर ने आईओएस, ओएस एक्स, टीवीओएस और वॉचओएस में मौजूद बड़ी कमी का खुलासा किया है। इस कमी के कारण इन ऑपरेटिंग सिस्टम पर मालवेयर अटैक का खतरा बढ़ गया है जिसे एक इमेज फाइल में इंबेड किया गया है।