Elon Musk की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी Starlink कथित तौर पर भारत में इंटरनेट प्रोवाइड करने के लिए उपलब्ध होने वाली है। मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, Starlink कुछ जरूरी सरकारी नियमों का पालन करने के लिए सहमति जताते हुए भारत में काम करने के लिए तैयार होने वाली है। इन नियमों के तहत कंपनी को अपना सारा डाटा भारत के अंदर ही स्टोर करना होगा।
Starlink ने कथित तौर पर DoT की अहम शर्तों को मान लिया है, जिसके चलते उसकी भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड कनेक्शन सर्विस को लॉन्च करने का रास्ता कथित तौर पर अब साफ होता नजर आ रहा है। पब्लिकेशन को बताया गया है कि एलन कंपनी सरकार के डेटा लोकलाइजेशन और सिक्योरिटी स्टैंडर्ड्स को पूरा करने के लिए सहमत हो गई है, जिसके बाद अब स्टारलिंक का भारत लाइसेंस आवेदन एक कदम आगे बढ़ने के लिए तैयार है।
SpaceX अंतरिक्ष में फिर से 20 नए सैटेलाइट लॉन्च करने जा रही है। ये सैटेलाइट Starlink नेटवर्क में बढ़ोत्तरी करेंगे। स्पेसएक्स ये सैटेलाइट कैलिफॉर्निया के वेंडनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से लॉन्च करेगी। 9 नवंबर को कंपनी इन सैटेलाइट्स को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित करने जा रही है। सैटेलाइट लॉन्च में Falcon 9 रॉकेट की मदद ली जाएगी।
बिलिनेयर Elon Musk की Starlink और ई-कॉमर्स और टेक्नोलॉजी कंपनी Amazon की एक यूनिट ने भी देश में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस लॉन्च करने के लिए अप्रूवल मांगा है
Starshield के जासूसी सैटेलाइट्स धरती से लो ऑर्बिट पर मौजूद होंगे और इनसे अमेरिका के जमीन पर सैनिकों को सहायता मिलेगी। ये जमीन पर लक्ष्य का पता लगाकर उससे जुड़ा डेटा अमेरिका के मिलिट्री और इंटेलिजेंस अधिकारियों के साथ साझा करेंगे
Elon Musk Starlink in India : DoT (दूरसंचार विभाग) ने कथित तौर पर स्टारलिंक को ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन लाइसेंस (GMPCS) दिया है, जो सैटेलाइट इंटरनेट के लिए अहम है।
Satellite Internet : अमेरिका के फेडरल कॉम्पिटिशन कमिशन ने स्टारलिंक को टी-मोबाइल के फोन्स में सैटेलाइट कनेक्टिविटी का एक्सपेरिमेंट करने की इजाजत दे दी है।
Amazon satellite internet : एमेजॉन ने भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विसेज को लॉन्च करने के लिए इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड अथराइजेशन सेंटर (IN-SPACe) में आवेदन किया है।
रिलायंस जियो का कहना है कि विदेशी सैटेलाइट सर्विस प्रोवाइडर्स वॉयस और डेटा सर्विसेज उपलब्ध करा सकते हैं और इससे देश की टेलीकॉम कंपनियों को मुश्किल होगी
स्पेसएक्स के नए सैटेलाइट्स फर्स्ट जेनरेशन मॉडल्स के मुकाबले ज्यादा पावरफुल हैं। ये ज्यादा इंटरनेट ट्रैफिक को कंट्रोल कर सकते हैं और सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को सीधे लोगों के स्मार्टफोन्स तक पहुंचा सकते हैं।