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आज अंतरिक्ष में उड़ेगा ‘हेरा’, 2026 में वहां पहुंचेगा, जहां एस्‍टरॉयड से टकराया था Nasa का स्‍पेसक्राफ्ट, मकसद क्‍या है?

ESA Hera Launch : यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी का ‘हेरा’ (Hera) स्‍पेसक्राफ्ट, पोस्‍ट इम्‍पैक्‍ट इवेल्‍यूशन के लिए डिमोर्फोस की ओर उड़ान भरेगा।

आज अंतरिक्ष में उड़ेगा ‘हेरा’, 2026 में वहां पहुंचेगा, जहां एस्‍टरॉयड से टकराया था Nasa का स्‍पेसक्राफ्ट, मकसद क्‍या है?

‘हेरा’ स्‍पेसक्राफ्ट पता लगाएगा कि स्‍पेसक्राफ्ट के साथ टक्‍कर के कारण डिमोर्फोस पर क्‍या असर हुआ।

ख़ास बातें
  • ESA का हेरा मिशन आज होगा लॉन्‍च
  • एक एस्‍टरॉयड जाएगा एस्‍टरॉयड डिमोर्फोस के पास
  • उसे हुए नुकसान का करेगा आकलन
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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने साल 2022 में DART (डबल एस्‍टरॉयड रीडायरेक्‍शन टेस्‍ट) मिशन को टेस्‍ट किया था। तब एक स्‍पेसक्राफ्ट को डिमोर्फोस (Dimorphos) नाम के एस्‍टरॉयड से टकराया गया था। शुरुआती नतीजे उत्‍साहजनक रहे थे और नासा ने कन्‍फर्म किया था कि टक्‍कर के कारण एस्‍टरॉयड के पथ में बदलाव हुआ। नासा ने उम्‍मीद जताई थी कि भविष्‍य में जब कोई एस्‍टरॉयड पृथ्‍वी के नजदीक आएगा तो इसी तरह की टक्‍कर से उसकी दिशा बदली जा सकेगी। हालांकि नासा अपने मकसद में कितना कामयाब रही, यह पता लगाने के लिए SpaceX एक स्‍पेसक्राफ्ट को लॉन्‍च करने जा रही है। 

रिपोर्टों के अनुसार, यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी का ‘हेरा' (Hera) स्‍पेसक्राफ्ट, पोस्‍ट इम्‍पैक्‍ट इवेल्‍यूशन के लिए डिमोर्फोस की ओर उड़ान भरेगा। ‘हेरा' स्‍पेसक्राफ्ट यह पता लगाएगा कि स्‍पेसक्राफ्ट के साथ टक्‍कर के कारण डिमोर्फोस एस्‍टरॉयड पर क्‍या असर हुआ।  

स्‍पेसएक्‍स के फाल्‍कन-9 रॉकेट के जरिए ‘हेरा' स्‍पेसक्राफ्ट और उसके दो क्‍यूबसेट मिलानी (Milani) और जुवेंतस (Juventas) को लॉन्‍च किया जाएगा। फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्‍पेस फोर्स स्‍टेशन से यह लॉन्‍च किया जाना है। सबकुछ योजना के अनुसार हुआ तो ‘हेरा' को डिमोर्फोस एस्‍टरॉयड तक पहुंचने में 2 साल लग जाएंगे। यह साल 2026 के आखिर में वहां पहुंच सकता है। स्‍पेसक्राफ्ट पता लगाएगा कि 2022 में हुई टक्‍कर से डिमोर्फोस में कितना बड़ा गड्ढा हुआ। 
 

What is Dimorphos

डिमोर्फोस एक छोटा एस्‍टरॉयड उपग्रह है। इसे साल 2003 में खोजा गया था। यह डिडिमोस का एक चंद्रमा है। 
 

DART मिशन से क्‍या हुआ था? 

DART की टक्‍कर ने डिमोर्फोस की कक्षा को 11 घंटे 55 मिनट से 11 घंटे और 23 मिनट तक छोटा कर दिया था। नासा को उम्‍मीद थी कि टक्‍कर से डिमोर्फोस की गति में 10 मिनट तक का बदलाव हो सकता है और परिणाम उससे भी अच्‍छे आए थे। डिमोर्फोस की कक्षीय अवधि 32 मिनट तक तेज हो गई थी।


 
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प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

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