यूरेनस पर दिन की लम्बाई पृथ्वी के दिन से कम निकल कर आई है। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने हबल स्पेस टेलीस्कोप (Hubble Space Telescope) द्वारा इकट्ठा किए गए दशकों के डेटा को खंगाला, जिससे पता लग पाया कि यूरेनस (Uranus) पर एक दिन 17 घंटे, 14 मिनट, और 52 सेकंड लम्बा होता है। NASA के स्पेसक्राफ्ट Voyager 2 द्वारा बताया गया समय इससे 28 सेकंड कम था।
भारत की स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने एक बार फिर से अंतरिक्ष की दुनिया में कारनामा कर दिखाया है। इसरो ने स्पेस में लोबिया के बीजों को उगते दिखाया है। इसरो का कहना है कि केवल चार दिन में ही ये बीज माइक्रोग्रेविटी में अंकुरित हो गए। दरअसल यह संस्था के CROPS मिशन का हिस्सा है। भविष्य में दूसरे ग्रहों पर खेती की संभावनाओं को इसके जरिए तलाशा जा सकता है।
खगोलविदों ने उपलब्ध डेटा के आधार पर जब ब्रह्मांड का नक्शा बनाने की शुरुआत की तो एक ऐसा पैटर्न उभरा जो कई गैलेक्सियों के जाल के बीच में खाली जगह को दिखा रहा था।
International Space Station : स्पेस स्टेशन कक्षीय मलबे (orbital debris) की चपेट में आने से बच गया। यह सब तब हुआ, जब एक कार्गो शिप, स्पेस स्टेशन में पहुंचने वाला था।
Asteroid 2020 OM आज धरती के पास आ रहा है। इसका साइज 44 फीट है। 2023 NL नाम का चट्टानी टुकड़ा भी आज पृथ्वी की दिशा में पास आ रहा है। Asteroid 2023 NL का साइज 140 फीट है।
इसके पीछे एक लम्बी टेल, यानि पूंछ बनने की भी पुरजोर संभावना बताई गई है। 13 अक्टूबर 2024 को जब यह धरती और सूरज के बीच में से गुजर रहा होगा तो यह बहुत चमकीला दिखाई देगा।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने एक तस्वीर शेयर की है। इस तस्वीर को नासा की चंद्रा एक्स-रे (Chandra X-ray) के डेटा और जेम्स वेब टेलीस्कोप की इन्फ्रारेड इमेजरी का उपयोग करके तैयार किया गया।
आनंद महिंद्रा ने ट्वीट किया, मैं यह मानता हूं कि यह एक अलग तरह का ऑर्बिटल लॉन्च था। ऐसे मामलों से हमें एहसास होता है कि हमें इसरो के लॉन्च रिकॉर्ड की कितनी सराहना करनी चाहिए।