अंतरिक्ष में तैनात सबसे बड़ी दूरबीन ‘जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप' (James Webb Space Telescope) दुनिया को ब्रह्मांड के रहस्यों से रू-ब-रू करवा रही है। बीते साल और इस साल भी हमने इस टेलीस्कोप से ली गई कई तस्वीरों को देखा। इनमें टारेंटयुला नेबुला (Tarantula Nebula) की इमेज भी शामिल है। इस नेबुला का नाम ‘30 डोरैडस' भी है, जिसे तारों की नर्सरी कहा जाता है। अब अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने एक तस्वीर शेयर की है। इस तस्वीर को नासा की चंद्रा एक्स-रे (Chandra X-ray) के डेटा और जेम्स वेब टेलीस्कोप की इन्फ्रारेड इमेजरी का उपयोग करके तैयार किया गया।
दो
दूरबीनों के एकसाथ इस्तेमाल से रिसर्चर्स ने सुपरनोवा विस्फोटों के अवशेषों का पता लगाया है। यानी जब कोई तारा मर जाता है और उसमें विस्फोट होता है, तो उसके बाद भी अवशेष निकलते हैं, उनका पता रिसर्चर्स ने लगाया। ये अवशेष नए तारों का हिस्सा बनेंगे। रिपोर्टों के अनुसार, जेम्स वेब और चंद्रा ऑब्जर्वेट्री ने “प्रोटोस्टार्स” के एक ग्रुप को भी कैद किया। यह नए जन्मे तारों की तरह होते हैं।
टारेंटयुला नेबुला की यह तस्वीर किसी सीनरी जैसी नजर आती है। देखकर नहीं लगता कि यह ब्रह्मांड का कोई हिस्सा है। ऐसा लगता है कि आर्टिस्ट ने कैनवास पर कला को उकेर दिया है। तस्वीर में दिखाई देने वाला नीला और बैंगनी हिस्सा सुपरहीटेड यानी बहुत ज्यादा गर्म गैसों को दिखाता है। यह तस्वीर के मध्य और नीचे दिखाई देता है।
वहीं, लाल, नारंगी, हरा और हल्का नीला रंग जोकि इमेज के ऊपरी भाग में और बाईं व दाईं ओर है, ठंडी गैस को प्रदर्शित करता है। टारेंटयुला नेबुला इसलिए भी अहम है, क्योंकि हमारी आकाशगंगा के विपरीत यहां बहुत तेजी से नए तारों का निर्माण हो रहा है। नासा के मुताबिक यह इलाका हमारी आकाशगंगा के करीब है, इसलिए ब्रह्मांड के अतीत के बारे में और जानने में हमारी मदद करने के लिए इसका विस्तार से अध्ययन करना आसान है।
नासा की इस तस्वीर पर लोग कई तरह के कमेंट कर रहे हैं। कोई इसे अनरियल कह रहा है, तो कोई वॉलपेपर बता रहा है। कई लोग इस तस्वीर को भगवान शिव से जोड़ रहे हैं और हर-हर महादेव लिख रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि मुझे ऐसा लग रहा है जैसे महादेव ने अपने हाथ में एक बच्चा पकड़ा हुआ है।