Space News In Hindi

Space News In Hindi - ख़बरें

  • अंतरिक्ष से पानी में लैंड करेंगे भारतीय एस्‍ट्रोनॉट तो क्‍या होगा? इसरो ने की टेस्टिंग, देखें फोटोज
    भारत अपने गगनयान मिशन को बेहतर बनाने के लिए काम कर रहा है। बीते सप्‍ताह एक नकली गगनयान क्रू मॉड्यूल को पानी में डालकर उसे उठाया गया। यह एक प्रकार की एक्‍सरसाइज थी यह देखने के लिए कि जब एस्‍ट्रोनॉट्स अंतरिक्ष से पानी में लैंड करेंगे, तब किस प्रकार की तैयारियां चाहिए होंगी। इसरो ने इंडियन नेवी के साथ मिलकर आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम के तट पर बंगाल की खाड़ी में यह एक्‍सरसाइज की।
  • अंतरिक्ष में कैसे पीते हैं लिक्विड, सुनीता विलियम्‍स ने बताया, देखें Video
    सुनीता विलियम्‍स ने मैसाचुसेट्स के सुनीता विलियम्स एलिमेंट्री स्कूल के स्‍टूडेंट्स के लिए एक सेशन होस्‍ट किया। इसमें उन्‍होंने स्‍पेस में लिक्विड ड्र‍िंक पीने के दौरान आने वाले चैलेंजेस पर चर्चा की। उन्‍होंने छात्रों को बताया कि जीरो ग्रैविटी में लिक्विड पदार्थ पीने के दौरान किन बातों का ध्‍यान रखना होता है। स्‍पेस में लिक्विड पदार्थ पीने के लिए खासतौर के पाउच डिजाइन किए गए हैं। सुनीता ने उन पाउचों को इस्‍तेमाल करने का तरीका बताया।
  • धरती से 400km ऊपर अंतरिक्ष में सुनीता विलियम्‍स उड़ाएंगी ‘दावत’, सेलिब्रेट करेंगी थैंक्सगिविंग
    भारतीय मूल की नासा (Nasa) की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्‍स (Sunita Williams) इस साल जून में स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) पर पहुंची थीं। उनके स्‍पेसक्राफ्ट में खराबी आ गई, जिस वजह से सुनीता और उनके साथी बुच विल्‍मोर वहीं रुके हुए हैं। अंतरिक्ष में अपने सफर को सुनीता अब एन्‍ज्‍वॉय भी कर रही हैं। वह आईएसएस पर थैंक्सगिविंग (Thanksgiving) पर्व मनाने वाली हैं।
  • ISRO बनाएगी मून स्‍पेस स्‍टेशन! चांद का लगाएगा चक्‍कर, मंगल जाने वाले एस्‍ट्रोनॉट्स उसमें रुक पाएंगे!
    भारत की स्‍पेस एजेंसी इसरो (ISRO) एक ऐसे अंतरिक्ष स्‍टेशन की योजना बना रही है, जो चंद्रमा की परिक्रमा करेगा। इसके अलावा, इसरो की योजना नासा और अन्‍य अंतरिक्ष एजेंसियों की तरह चांद पर लंबे समय तक रुकने वाला सेटअप तैयार करना है। चंद्रयान-3 मिशन की सफलता से उत्‍साहित इसरो चांद पर अपने एस्‍ट्रोनॉट्स भी भेजना चााहती है। कहा जाता है कि पूरी योजना को तीन हिस्‍सों में बांटा गया है, जिसे एक के बाद एक पूरा किया जाएगा।
  • अंतरिक्ष घूमकर आए आलू, मटर, मक्‍का अब पृथ्‍वी पर रोपे जाएंगे, क्‍या है पूरा मामला? जानें
    अंतरिक्ष में कई महीनों तक रखने के बाद वैज्ञानिकों ने कई प्रकार के बीजों (Seeds) को पृथ्‍वी पर भेज दिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस वसंत की शुरुआत में बीजों को पृथ्‍वी पर रोपा जाएगा। यह कल्‍चरल एंड स्‍टेम स्‍टडी का हिस्‍सा है। स्‍टेम का पूरा नाम साइंस, टेक्‍नॉलजी, इंजीनियरिंग एंड मैथ है। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल नवंबर में पांच किस्‍म के बीज- स्‍वीट पोटैटो, मटर, मक्‍का और लैम्ब्सक्वार्टर को इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) पर भेजा गया था।
  • Video : अंतरिक्ष से धरती पर पहुंचे 3 चीनी एस्‍ट्रोनॉट, रात के वक्‍त की लैंडिंग, देखें वीडियो
    स्‍पेस में 6 महीने से भी ज्‍यादा समय तक रहने के बाद चीन का शेनझोउ 18 क्रू (Shenzhou 18 crew) पृथ्‍वी पर लौट आया है। तीन अंतरिक्ष यात्री- ये गुआंगफू, ली कांग और ली गुआंगसू पृथ्‍वी पर लौट आए हैं और उन्‍होंने अपने देश में लैंड किया। ये सभी 25 अप्रैल से अंतरिक्ष में थे और तियांगोंग स्‍पेस स्टेशन पर रह रहे थे। इन्‍होंने उत्तरी चीन के डोंगफेंग लैंडिंग साइट पर कदम रखे।
  • चीन ने 34 साल के दो युवा एस्‍ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में भेजा, 6 महीने बाद लौटेंगे
    चीन का शेनझोउ 19 मिशन लॉन्‍च हो गया है। दुनियाभर में इसकी चर्चा हो रही है, क्‍योंकि ड्रैगन ने 34 साल के दो युवाओं को अंतरिक्ष में भेजा है। उनके नाम सांग लिंगडॉन्‍ग और वांग होजे हैं। सांग की जन्‍म अगस्‍त 1990 में हुआ था, जबकि वांग मार्च 1990 में जन्‍मी थीं। दोनों महज 34 साल के हैं। सांग लिंगडॉन्‍ग चीन की ओर से भेजे जाने वाले सबसे कम उम्र के एस्‍ट्रोनॉट बन गए हैं।
  • 232 दिनों तक अंतरिक्ष में रहने के बाद धरती पर लौटे 4 अंतरिक्ष यात्री, देखें Video
    इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) में कई दिनों तक रुकने के बाद चार अंतरिक्ष यात्री सकुशल पृथ्‍वी पर लौट आए हैं। क्रू8 (Crew-8) के एस्‍ट्रोनॉट्स- मैथ्यू डोमिनिक, माइकल बैरेट, जीनेट एप्स और अलेक्जेंडर ग्रेबेनकिन ने शुक्रवार को फ्लोरिडा के पेंसाकोला के तट से दूर मैक्सिको की खाड़ी में लैंड किया। ये अंतरिक्ष यात्री 232 दिनों तक स्‍पेस में रुके। उन्‍हें दो हफ्तों से ज्‍यादा वक्‍त तक इंतजार करना पड़ा, क्‍योंकि मौसम साथ नहीं दे रहा था।
  • अंतरिक्ष घूमने के लिए 17.7 करोड़ रुपये का एक टिकट, चीनी कंपनी कर रही बुकिंग
    दुनियाभर की प्राइवेट स्‍पेस कंपनियां आने वाले वर्षों में लोगों को अंतरिक्ष की सैर कराना चाहती हैं। शुरुआत में सिर्फ वही लोग स्‍पेस में जा सकेंगे, जिनके पास अकूत दौलत है। चीनी स्‍टार्टअप डीप ब्‍लू एयरोस्‍पेस (Deep Blue Aerospace) का कहना है कि उसके पास एक रॉकेट के पहले दो टिकट हैं। यह रॉकेट अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर साल 2027 में उड़ान भरेगा। टिकटों के लिए कंपनी 1.5 मिलियन युआन (लगभग 17.7 करोड़ रुपये) चार्ज कर रही है।
  • धरती से 400km ऊपर वैज्ञानिकों ने लगाए 4K कैमरा, रिकॉर्ड हुआ ‘महातूफान’ Milton का नजारा
    इस साल की शुरुआत में इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) पर एक कार्गो के जरिए स्पेसटीवी-1 नाम का पेलोड भेजा गया था। यह पेलोड, स्‍पेस वीडियो स्ट्रीमिंग कंपनी सेन (Sen) का था, जिसमें 4K कैमरों का एक सेट था। उसे आईएसएस के बाहरी हिस्‍से में लगाया जाना था। कैमरों को स्‍टेशन पर सेट किया जा चुका है और इन्‍होंने पृथ्‍वी के कुछ हैरान करने वाले दृश्‍य कैप्‍चर किए हैं, जिनमें मिल्टन तूफान का दृश्‍य प्रमुख है।
  • धरती से 400km ऊपर ‘स्‍पेस स्‍टेशन’ से लीक हो रही हवा, टेंशन में Nasa!
    धरती से 400 किलोमीटर ऊपर पृथ्‍वी का चक्‍कर लगा रहे इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) से हवा का लीक होना लगातार जारी है। साल 2019 में सबसे पहले लीकेज का पता चला था। नासा की एक हालिया रिपोर्ट में लीकेज को लेकर फ‍िर से चिंता जताई गई है। कहा गया है कि अप्रैल 2024 में यह लीकेज रोजाना 1.7 किलोग्राम तक पहुंच गया। नासा रिपेयर वर्क से नासा संतुष्‍ट दिख रही है, पर इसका स्‍थायी समाधान चाहती है।
  • Nasa दे रही Rs 25 करोड़ जीतने का मौका! पूरा करना होगा यह चैलेंज, जानें
    नासा ने लूनारिसाइकल चैलेंज का ऐलान किया है, जिसे जीतने वाले को 3 मिलियन डॉलर का प्राइज दिया जाएगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, फ्यूचर में जब एस्‍ट्रोनॉट्स लंबे समय के लिए चंद्रमा पर रहेंगे, तब कई तरह का कचरा वहां होगा जैसे- फूड पैकेजिंग का वेस्‍ट, एस्‍ट्रोनॉट्स के बेकार कपड़े, साइंस एक्‍सपेरिमेंट से जुड़े मटीरियल्‍स आदि। इससे निपटने के लिए ऐसी तकनीक चाहिए जो ज्‍यादा बिजली ना खर्च करे और यूज में हल्‍की हो।
  • ये हुई ना बात! पहली बार वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में की मेटल पार्ट की 3D प्रिंटिंग
    यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी (ESA) ने पहली बार स्‍पेस में एक मेटल पार्ट की 3D प्र‍िं‍टिंग करके दिखाई है। स्‍पेस में 3D प्रिंटिंग करना मुश्किल है, क्‍योंकि वहां गुरुत्‍वाकर्षण नहीं है। चुनौती से निपटने के लिए वैज्ञानिकों ने इंटरनेशल स्‍पेस स्‍टेशन पर चीजें हालात के हिसाब से सेट कीं। टीम की योजना 2 और चीजों को प्रिंट करने की है। अभी जो मेटल पार्ट प्रिंट हुआ है, उसे क्‍वॉलिटी चेक के लिए पृथ्‍वी पर भेजा जाएगा।
  • नया रिकॉर्ड, अंतरिक्ष में इस समय 19 एस्‍ट्रोनॉट, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ
    पृथ्‍वी की कक्षा में इस वक्‍त रिकॉर्ड संख्‍या में अंतरिक्ष यात्री मौजूद हैं। बुधवार को तीन लोग रूस के सोयुज कैप्सूल पर सवार होकर इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन के लिए रवाना हुए। इसके बाद अंतरिक्ष में एस्‍ट्रोनॉट्स की संख्‍या ने नया रिकॉर्ड बनाया। एक रिपोर्ट के अनुसार, नासा के एक्‍सपर्ट ने लाइव वेबकास्‍ट के दौरान बताया कि रूसी एस्‍ट्रोनॉट्स के ऑर्बिट में पहुंचने के बाद ऑर्बिट में पहुंचने वाले एस्‍ट्रोनॉट्स की संख्‍या 19 पहुंच गई। पिछला रिकॉर्ड 17 यात्रियों का था।
  • आज रचेगा इतिहास, पहली बार अंतरिक्ष में होगी प्राइवेट स्‍पेसवॉक, एक अरबपति करेगा चहलकदमी, ऐसे देखें LIVE
    पहली बार अंतरिक्ष में आज एक प्राइवेट स्‍पेसवॉक हो रही है। पृथ्‍वी से लगभग 700 किलोमीटर की ऊंचाई पर यह स्‍पेसवॉक होगी। इस ऊंचाई तक साल 1970 के बाद से इंसान पहली बार पहुंचा है। पोलारिस डॉन मिशन के तहत होने जा रही इस स्‍पेसवॉक में जेरेड इसाकमैन और सारा गिलिस शामिल होंगे। जेरेड इसाकमैन ने मिशन को फंड किया है और लीड कर रहे हैं। वह एक जाने-माने अरबपति बिजनेसमैन हैं। स्‍पेसएक्‍स इसे लाइव दिखाएगा।

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