भारत के अंतरिक्ष संगठन
‘इसरो' (ISRO) ने सोमवार की रात इतिहास रचा। इसरो का SpaDeX मिशन आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया। इस काम में पीएसएलवी रॉकेट की मदद ली गई, जिसने दो छोटे सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में पहुंचाया। मिशन की खास बात यह है कि दोनों सैटेलाइट्स धरती से करीब 470 किलोमीटर की ऊंचाई पर डॉकिंग और अनडॉकिंग करेंगे। आसान भाषा में कहें तो सैटेलाइट्स एक-दूसरे से जुड़ने और अलग होने की क्षमता दिखाएंगे। दुनिया में ऐसी काबिलियत सिर्फ रूस, अमेरिका और चीन के पास है। भारत कामयाब हुआ तो दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। यह रिकॉर्ड 7 जनवरी को बन सकता है।
क्या होगा स्पेस में?
इसरो के अनुसार, उसने दो स्पेसक्राफ्ट ‘एसडीएक्स01' और ‘एसडीएक्स02' को लॉन्च किया है। इन्हें ऐसी कक्षा में रखा जाएगा, जहां से दोनों स्पेसक्राफ्ट के बीच पांच किलोमीटर की दूरी होगी। इसके बाद कंट्रोल सेंटर में बैठे साइंटिस्ट स्पेसक्राफ्टों की दूरी कम करेंगे। इन्हें तीन मीटर तक करीब लाया जाएगा और आखिरकार दोनों स्पेसक्राफ्ट एक-दूसरे से जुड़ जाएंगे। याद रहे कि यह सब अंतरिक्ष में होगा। इसके बाद दोनों स्पेसक्राफ्ट को अनडॉक यानी एक-दूसरे से अलग भी किया जाएगा।
दुनिया का चौथा देश बनेगा भारत
अंतरिक्ष में डॉकिंग और अनडॉकिंग की काबिलियत अभी सिर्फ अमेरिका, चीन और रूस के पास है। भारत कामयाब हुआ तो ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।
7 जनवरी का दिन है अहम
माना जा रहा है कि 7 जनवरी के आसपास दोनों स्पेसक्राफ्ट डॉकिंग के लिए आगे बढ़ेंगे। भारत के लिए यह उपलब्धि इसलिए भी अहम है क्योंकि उसने इस तकनीक का पेटेंट लिया है। यानी भारत पूरी तरह से अपनी बनाई तकनीक पर यह सब करने जा रहा है।
भविष्य के मिशनों को होगा फायदा
अंतरिक्ष में डॉकिंग और अनडॉकिंग आसान काम नहीं है। इस दिशा में भारत की कामयाबी उसके भविष्य के मिशनों के लिए लाभदायक होगी। भारत अपना स्पेस स्टेशन बनाने पर काम कर रहा है, जिसमें डॉकिंग और अनडॉकिंग का खूब उपयोग होता है। SpaDeX मिशन भारत को स्पेस स्टेशन बनाने में मदद करेगा। चंद्र मिशन और मार्स मिशन में भी इसके फायदे सामने आ सकते हैं।