नासा (Nasa) के पार्कर सोलर प्रोब ने क्रिसमस की पूर्व संध्या पर सूर्य (Sun) के बेहद नजदीक से उड़ान भरी थी। वह एक ऐतिहासिक पल था। हालांकि वैज्ञानिकों को अबतक यह मालूम नहीं है कि पार्कर सोलर प्रोब ‘जिंदा' है या फिर सूर्य की गर्मी से ‘राख' हो गया। रिपोर्टों के अनुसार, इसमें कुछ दिनों का टाइम लग सकता है। वैज्ञानिक इंतजार कर रहे हैं कि पार्कर सोलर प्रोब का उनसे संपर्क हो पाए और वह संकेत भेजे कि सबकुछ ठीक है। वैज्ञानिकों को भरोसा है कि बेहद क्लोज फ्लाई-बाई के बावजूद पार्कर सोलर प्रोब बच जाएगा।
स्पेसडॉटकॉम की
रिपोर्ट के अनुसार, नासा की एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर निकोला फॉक्स ने
कहा है कि पार्कर सोलर प्रोब ने वह सब हासिल कर लिया है, जिसके लिए मिशन को डिजाइन किया गया था। वह सूर्य के बहुत नजदीक उड़ रहा है। इस मकसद के साथ मिशन को डिजाइन किया गया था।
रिपोर्ट्स के अनुसार, इंसान की बनाई कोई चीज आजतक सूर्य के इतने करीब नहीं गई, जितना करीब पार्कर सोलर प्रोब पहुंचा है। उसने 6 लाख 90 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड के साथ सूर्य के करीब से उड़ान भरी और माना जा रहा है कि तब उसे 980 डिग्री सेल्सियस तक गर्मी का अनुभव हुआ होगा।
ये पूरी उड़ान ऑटोमेटेड थी। वैज्ञानिकों ने पार्कर सोलर प्रोब को अच्छे से परख लिया था। 20 दिसंबर को स्पेसक्राफ्ट से मैसेज आया था कि उसके सारे सिस्टम्स सही तरीके से काम कर रहे हैं। वैज्ञानिक अब पार्कर के रेस्पॉन्स का इंतजार कर रहे हैं। उम्मीद है कि 27 दिसंबर तक पार्कर प्रोब, धरती पर मौजूद कंट्रोल सेंटर के साथ कम्युनिकेट कर सकता है।
पार्कर सोलर प्राेब को बनाने में डेढ़ अरब डॉलर का खर्च आया है। सूर्य के नजदीक उड़ान भरने के बाद इसने क्या और कितना डेटा जुटाया है, इसका पता नए साल में लग सकता है। इससे वैज्ञानिकों को यह भी पता चल जाएगा कि स्पेसक्राफ्ट की हेल्थ कितनी बेहतर है।